
झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार( झालसा) ने राज्य में आए प्रवासी मजदूरों का ब्योरा मांगा है। सभी जिलों से यह बताने को कहा गया है कि उनके जिले में कितने प्रवासी श्रमिक पहुंचे हैं। कितनों का निबंधन किया गया है? कितने मजदूरों को मनरेगा और सरकार की दूसरी योजना के तहत काम मिला है? सरकार की ओर से जारी सामाजिक कल्याण योजना का लाभ मिलना शुरू हुआ है या नहीं। एकल और विधवा महिलाओं को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है या नहीं। 31 जुलाई तक सभी जिलों को रिपोर्ट भेजने को कहा गया है। झालसा की ओर से रिपोर्ट तैयार कर हाईकोर्ट को सौंपा जाएगा।
झारखंड हाईकोर्ट में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए चल रही सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार से प्रवासी मजदूरों का ब्योरा देने को कहा है। इसके बाद सरकार की ओर से प्रारंभिक जानकारी कोर्ट को दी गयी। सरकार के साथ झालसा ने भी प्रवासी मजदूरों के तीन योजनाएं मानवता, कर्तव्य और श्रमेव वंदते योजना शुरू की। श्रमेव वंदते योजना के तहत श्रमेव वंदे योजना के तहत प्रवासी श्रमिकों के लिए प्रत्येक जिले में एक लॉग बुक मेंटेन किया जाना है। इसके बाद उन्हें सरकारी योजनाओं के तहत मनरेगा, बिरसा हरित ग्राम योजना, नीलांबर-पितांबर जल समृद्धि योजना, पीएम ग्रामीण आवास योजना और स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से जोड़कर उन्हें लाभ दिलाना है। कोरोना संकट में अनाथ बच्चे, अकेली महिला, विधवा और बुजुर्ग देखभाल और उनकी सुविधाओं का ख्याल रखने के लिए मानवता नाम से योजना बनाई है। इसके तहत सभी जिलों के जिला विधिक सेवा प्राधिकार को ऐसे लोगों की पहचान कर उन तक आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।
इसके अलावा जेल में रहने वाले कैदी और उनके परिवार के लोग को हर तरह की सुविधा देने के लिए कर्तव्य के नाम से योजना शुरू की गई है। झालसा ने इसके लिए जिला प्रशासन के साथ मिलकर झालसा के पारा लीगल वोलेंटियरों को रिपोर्ट तैयार कर सुविधाओं का लाभ दिलाने को कहा गया था। झालसा के निर्देश के बाद पारा लीगल वोलेंटियर पंचायतों और गांवों में जाकर प्रवासी मजदूरों का निबंधन करा रहे हैं और उनकी सूची तैयार कर रहे हैं। इस दौरान उनसे रोजगार के संबंध में भी जानकारी हासिल कर रहे हैं। यह आंकड़ा भी जुटा रहे हैं कि कितने मजदूरों का मनरेगा के तहत जॉब कॉर्ड बना है। जॉब कार्ड बनने के बाद उन्हें काम मिल रहा या नहीं। काम नहीं मिलने पर वह दूसरे जिले जा रहे या नहीं। लॉक डाउन में बुजुर्गों की सुविधाओं पर भी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। सभी जिलों को यह बताने को कहा गया है कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से कितने बुजुर्गों और असहायों को मदद की गयी। बुजुर्गों को सबसे अधिक परेशानी क्या है। बुजुर्गों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा या नहीं। उनकी सहायता के लिए जिलों में बना हेल्पलाइन नंबर कितने लोगों को मदद पहुंचायी है।
सरकार को भी पेश करना है ब्योरा :
हाईकोर्ट ने झारखंड सरकार को भी प्रवासी मजदूरों से संबंधित आंकड़ा पेश करने का निर्देश दिया है। कोरोना संक्रमण से जुड़ी जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अदालत ने सरकार को यह निर्देश दिया है। सरकार से भी सभी बिंदुओं पर शपथपत्र के माध्यम से जानकारी देने का निर्देश हाईकोर्ट ने दिया है।