Home देश रक्षा मंत्री राजनाथ का लेह दौरा टला, LAC पर तनाव का लेने वाले थे जायजा

रक्षा मंत्री राजनाथ का लेह दौरा टला, LAC पर तनाव का लेने वाले थे जायजा

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नई दिल्ली । भारत और चीन के बीच सीमा पर जारी तनाव के मद्देनजर  रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को लेह के दौरे पर जाने वाले थे। उनका यह दौरा टल गया है। समाचार एजेंसी एएनआइ ने इसकी जानकारी रक्षा अधिकारियों के हवाले से दी है। गौरतलब है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) तनाव के मद्देनजर पूर्वी लद्दाख में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए लेह जाने वाले थे। इस दौरान उनके साथ सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भी मौजूद रहने वाले थे। वह इस दौरे के दौरान स्थानीय सैन्य कमांडरों के साथ एलएसी पर टकराव और सैन्य तैनाती की समीक्षा करने के साथ-साथ गलवन घाटी में चीनी सैनिकों को खदड़ने वाले घायल बहादुर सैनिकों से भी मिलने वाले थे। 

5 मई को दोनों सेनाओं के बीच गतिरोध शुरू होने के बाद यह रक्षा मंत्री की पहली लद्दाख यात्रा होती। राजनाथ सिंह अपनी यात्रा के दौरान, जनरल नरवणे, उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल योगेश कुमार जोशी, 14 कोर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के कमांडर के साथ इस क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति की व्यापक समीक्षा करने वाले थे।

सेना प्रमुख नरवणे ने किया था लद्दाख का दौरा 

सेना प्रमुख नरवणे ने 23 और 24 जून को लद्दाख का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कई बैठकें कीं और पूर्वी लद्दाख में विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया। जनरल नरवणे ने इससे पहले 22 मई को लेह का दौरा किया था। गौरतलब है कि भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच पिछले सात हफ्तों से जारी तनातनी के बीच चीनी और भारतीय सेना में 15 जुलाई को गलवन घाटी में हिंसक झड़प हुई। इस दौरान भारत के 20 जवानों ने बहादुरी का अप्रतिम परिचय देते हुए बलिदान दे दिया था। चीनी सेना को भी इस झड़प में भारी नुकसान हुआ। हालांकि , उसने अपने सैनिकों के मारे जाने या घायल होने की जानकारी नहीं दी है। इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया। 

भारतीय और चीनी सेनाओं ने लेफ्टिनेंट जनरल-स्तरीय वार्ता

एलएसी पर चीन के किसी भी चाल का जवाब देने के लिए भारतीय सेना ने अग्रिम मोर्चे पर टैकों के साथ हथियारों की तैनाती बढ़ा दी है। सीमा पर चीन की हर हरकत पर नजर रखने और उससे निपटने के लिए भारतीय वायुसेना तैयार है। गौरतलब है कि मंगलवार को भारतीय और चीनी सेनाओं ने लेफ्टिनेंट जनरल-स्तरीय वार्ता के तीसरे दौर का आयोजन किया। इसक दौरान दोनों पक्षों ने गतिरोध को समाप्त करने के लिए  चरणबद्ध तरीके से पीछे हटने पर जोर दिया। 

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