
नवंबर में होने वाला बिहार विधानसभा चुनाव समय के साथ-साथ बड़े-कड़े और नजदीकी व रोचक मुकाबले की झलक दिखा रहा है। हालिया दिनों के सियासी सरगर्मी और ताजा फैसले से लग रहा है कि इस चुनाव में विपक्षी महागठबंधन पूरे दमखम के साथ उतरेगा। महागठबंधन के अगुआ यहां नीतीश सरकार को बेदखल करने को व्यग्र दिख रहे हैं। लालू की अगुआई वाली राजद तो कबका इस चुनाव को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ चुका है।
अबतक के राजनीतिक घटनाक्रम पर नजर डालें तो इस बार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन यहां मिलकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार को सत्ता से बेदखल करने में पूरा जोर लगाएंगे। नवंबर में संभावित बिहार चुनावों के लिए जदयू-भाजपानीत एनडीए गठबंधन और यूपीए के महागठबंधन के बीच यहां सीधा मुकाबला है।
इस चुनाव में झारखंड की सत्ताधारी पार्टी झामुमो भी जोर-आजमाइश करेगी। यहां लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के साथ जेएमएम महागठबंधन के विपक्षी मोर्चा में शामिल होगा। झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने बताया कि पार्टी फिलहाल बिहार में 12 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की रणनीति पर काम कर रही है।
सुप्रियो ने जानकारी दी है कि बिहार विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा 12 विधानसभा सीटों तारापुर, कटोरिया, मनिहारी, झाझा, बांका, ठाकुरगंज, रूपौली, रामपुर, बनमनखी, जमालपुर, पीरपैंती और चकाई पर प्रत्याशी उतारने की तैयारी में जुटा है। झामुमो राजद के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा होगा।
बिहार विधानसभा के 243 सदस्यों का चुनाव करने के लिए बिहार विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर 2020 में होंगे। 2015 में चुने गए वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर 2020 को समाप्त होगा। इस बार चुनाव में जेडीयू के नेतृत्व वाले एनडीए और आरजेडी के नेतृत्व वाले यूपीए के बीच दिलचस्प लड़ाई होगी।