
रांची. कोरोना काल (Corona Crisis) में शराब (Liquor) बेचकर झारखंड सरकार (Jharkhand Government) ने एक महीने में 140 करोड़ रुपये कमाए. हालांकि शराब के दामों में वृद्धि कर सरकार पियक्कड़ों पर भी लगाम लगाने में सफल रही. 20 मई से 19 जून तक राज्य में शराब की बिक्री में आई कमी के बाबजूद सरकार खाली खजाने को भरने में भी कामयाब रही. भारी भरकम टैक्स के साथ राज्य में शुरू हुई शराब की बिक्री से सरकार को काफी राजस्व मिला है.
कोरोना काल में पैसे की कमी को झेल रही झारखंड सरकार को 20 मई से 19 जून के बीच शराब से करीब 140 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है. कोरोना काल में काफी जद्दोजहद के बाद राज्य में शुरू हुई शराब बिक्री से एक महीने के अंदर ही सरकार के खजाने में पैसे भरने शुरू हो गये.
पिछले साल कमाए थे 1600 करोड़ रुपये
उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे की माने तो जुलाई से राजस्व में और वृद्धि होगी. कोरोना संकट से पहले सामान्य दिनों में राज्य में प्रतिदिन 09 करोड़ की शराब की बिक्री होती थी. राज्यभर में 1595 सरकारी शराब दुकानें हैं. 2019-20 के फरवरी महीने तक सरकार के खजाने में शराब की बिक्री से करीब 1600 करोड़ राजस्व के रूप में मिले थे. मगर 22 मार्च के बाद कोरोना संकट के कारण जारी लॉकडाउन से 19 मई तक सरकार को फूटी कौड़ी भी नहीं मिली.
राजस्व की कमी को पाटने के लिए काफी सोच विचार के बाद सरकार ने भारी भरकम टैक्स लगाकर शराब की बिक्री शुरू कराई. शराब के दामों में 25 से 30 फीसदी वृद्धि की गई. शराब के दामों में हुए वृद्धि से इसका बिक्री पर सीधा असर पड़ा है.
शराब महंगी होने से बिक्री में आई गिरावट
रांची के शराब व्यवसायी अजय की माने तो कोविड-19 के दौरान शराब की बिक्री में पचास फीसदी की कमी आई है. कोविड-19 की वजह से सरकार ने शराब पर स्पेशल एक्साइज ड्यूटी 10 प्रतिशत तक बढ़ाने के अलावा वैट भी 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दिया है. इससे शराब 25 फीसदी तक महंगी हो गई और बिक्री में गिरावट देखी जा रही है.इसके बाबजूद विभाग को उम्मीद है कि जुलाई महीने से हालत बदल जायेंगे और सरकार के खजाने में शराब की बिक्री से करीब दो सौ करोड़ आने लगेंगे.