Home झारखंड भभुआ के कृषि विभाग के कर्मचारी से 11 लाख ठगे, धनबाद से चार गिरफ्तार

भभुआ के कृषि विभाग के कर्मचारी से 11 लाख ठगे, धनबाद से चार गिरफ्तार

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बिहार के भभुआ मोहनिया में कृषि विभाग के प्रधान सहायक के बैंक खाते से 11 लाख रुपए उड़ाने वाले चार साइबर अपराधियों को गोविंदपुर और बिहार पुलिस ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर पकड़ा है। गोविंदपुर थाना क्षेत्र से तीन और जामताड़ा जिला के नारायणपुर थाना क्षेत्र से एक साइबर अपराधी पकड़े गए। पकड़े गए सभी आरोपियों को भभुआ पुलिस अपने साथ ले गई।

गोविंदपुर इंस्पेक्टर सुरेंद्र कुमार सिंह और भभुआ से आई पुलिस टीम का नेतृत्व कर रहे इंस्पेक्टर राजकुमार सिंह ने बताया कि बिहार के मोहनिया के कृषि विभाग के प्रधान सहायक रवीश कुमार के बैंक खाते से अपराधियों ने 11 लाख रुपए उड़ा लिए थे। इस संबंध में भभुआ थाना में मामला दर्ज किया गया था। तकनीकी अनुसंधान में गोविंदपुर थाना क्षेत्र के पाथुरिया के दो युवकों का नाम सामने आया। इसके बाद भभुआ एसपी ने इंस्पेक्टर राजकुमार सिंह के नेतृत्व में एक टीम गठित कर पुलिस बल को गोविंदपुर भेजा। यहां गोविंदपुर पुलिस के सहयोग से पाथुरिया निवासी राज मिस्त्री एवं अताउल अंसारी को पुलिस ने उठाया। उसने पुलिस को बताया कि वह पढ़ा-लिखा नहीं है। ठीक से मोबाइल चलाना भी नहीं जानता। गांव के ही दुकानदार मोहसिन अंसारी, पिता गुल मोहम्मद अंसारी ने लालच देकर उसके एटीएम कार्ड का उपयोग किया था। पुलिस ने मोहसिन को धर दबोचा तो उसने कहा कि अपने मित्र जंगलपुर निवासी अजीमुद्दीन अंसारी के पुत्र बशीर अंसारी से दोस्ती निभाने के लिए उसके एटीएम कार्ड का उपयोग किया था।

मास्टर माइंड जामताड़ा का मिनहाज फरार : पुलिस ने जब बशीर अंसारी को दबोचा तो उसने गिरोह के मुख्य सरगना जामताड़ा जिला के नारायणपुर थाना अंतर्गत लखनपुर चंदाडीह निवासी मिनहाज अंसारी एवं छोटू अंसारी का नाम बताया। पुलिस ने जब नारायणपुर जाकर छापेमारी की तब दोनों भाग गए। काली पहाड़ी गांव से नंदलाल तुरी पकड़ा गया। मिनहाज के घर से पुलिस ने लैपटॉप, डेस्कटॉप, सीपीयू, कंप्यूटर सामग्री, छह मोबाइल, पेटीएम सिम, कई बैंक खाता पासबुक जब्त की। पुलिस ने बताया कि 54 जन-धन बैंक खातों से रुपए की निकासी की गई। एक ट्रांजेक्शन के लिए बैंक खाताधारी को 5000 रुपये गिरोह द्वारा दिया जाता था। इसी तरह मोबाइल सिम उपयोग करने के लिए प्रति व्यक्ति 8000 रुपये का भुगतान किया जाता था। उन्होंने बताया कि नारायणपुर में इस तरह के कई गिरोह हैं। हर गिरोह में छह से सात सदस्य हैं और इनका धंधा जालसाजी कर बैंक खाते से रुपए की निकासी करना है। 

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