कोरोना वायरस को कपड़े पर बेअसर करने के लिए केमिकल कोटिंग तैयार करनेवाले आईआईटी-आईएसएम धनबाद में तैयार फ्रिज अब एक से तीन मिनट में कोरोना का खात्मा करेगा। आईआईटी के शिक्षकों ने मल्टी यूटिलिटी प्रोग्रामेबल यूवीसी स्टरलाइजर डेवलप किया है। इससे ऑफिस की फाइल, मेडिकल उपकरण, स्कूल बैग, लैपटॉप, पर्स, मोबाइल, बेल्ट, माउस, चश्मा, घड़ी, की-बोर्ड समेत अन्य चीज को एक फ्रिज-चैंबर (बक्से) में रखकर मात्र एक से तीन मिनट में सेनेटाइज किया जा सकता है। इसके बाद फिर से बिना डरे उससे काम कर सकते हैं।
आईआईटी-आईएसएम के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो अमित राज दीक्षित के नेतृत्व में मल्टी यूटिलिटी प्रोग्रामेबल यूवीसी स्टरलाइजर (किटाणु नाशक कक्ष) तैयार किया गया है। यह ऑफिस से लेकर घरों के लिए उपयोगी साबित होगा। कॉमन सामान जिसका उपयोग कई लोग करते हैं। उसके लिए यह जरूरी है।
आईसीएमआर से मशीन जांच का अनुरोध करेंगे : बताते चलें कि कोरोना वायरस के लिए अबतक एंटीवायरल ड्रग्स/वैक्सीन तैयार नहीं किया जा सका है, इसलिए सामान सेनेटाइज करने के लिए विभिन्न तरह के उपकरण तैयार किए जा रहे हैं। आईआईटी धनबाद भी कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए शोध में जुटा है। मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के वरीय शिक्षक सह प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर प्रो अमित राज दीक्षित ने बताया कि देश-विदेश के प्रमुख शोध पत्र, जर्नल व रिपोर्ट के डेटा के आधार पर उसे तैयार किया गया है। हमलोग इससे पूरी तरह से संतुष्ट है, हालांकि अबतक इसमें कोरोना वायरस टेस्ट नहीं किया गया है। धनबाद में लैब नहीं होने के कारण मशीन आईसीएमआर को भेजते हुए जांच करने का अनुरोध किया जा रहा है।
रिकॉर्ड 15 दिन में किया तैयार: दिन-रात काम कर रिकॉर्ड 15 दिन में इसे तैयार किया गया है। एक व्यक्ति को दो-दो छोटा यूवीसी लेना पड़ता। इस कारण इसे बड़ा भी डिजाइन किया गया है। बुधवार को इसका वेबसाइट भी लांच कर दिया गया। प्रो.दीक्षित के साथ टीम में प्रो को-कोर्डिनेटर प्रो अरुण दयाल उदय, टेक्निकल सुपरिटेंडेंट आशीष कुमार व छात्र आशीष सिद्धार्थ शामिल हैं। इससे पहले प्रो दीक्षित सेनेटाइजर स्टेशन व एक वेंटीलेटर के चार लोगों के प्रयोग के लिए एटॉप्टर भी बना चुके हैं।
30 से 35 हजार रुपए में होगा उपलब्ध : अभी फिलहाल प्रोटोटाइप तैयार किया गया है। कॉमर्शियली प्रोडक्ट तैयार किया जाएगा। प्रोटोटाइप में अभी 50 हजार रुपए खर्च आएगा, लेकिन व्यावसायिक उत्पादन शुरू होने पर यह 30 से 35 हजार रुपए में मिल सकता है। प्रो दीक्षित ने बताया कि बड़ा कीटाणु नाशक कक्ष को कोई सामन डिसइंफेक्टेड करने में तीन मिनट व छोटे में एक मिनट लगेगा। इसे सेंट्रल फेब्रिकेशन फैसिलिटी इंस्टीट्यूट के तहत डिजाइन किया गया है। निदेशक प्रो राजीव शेखर ने इसपर खुशी जताई है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए आईआईटी काउंसिल को 10 से अधिक प्रोजेक्ट भेजे गए हैं। लो कॉस्ट मॉस्क, लो कॉस्ट वेंटिलेटर समेत अन्य प्रोजेक्ट प्रस्तावित हैं। कई के लिए फंड का इंतजार किया जा रहा है।