Home विदेश चीनी सेना की धूर्तता के कई रंग, गलवान नदी के प्रवाह को बाधित करने के लिए बना रहा बांध

चीनी सेना की धूर्तता के कई रंग, गलवान नदी के प्रवाह को बाधित करने के लिए बना रहा बांध

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बीजिंग । चीन की सेना (पीएलए) ने पहली बार जब पांच मई 2020 को गलवन क्षेत्र में घुसपैठ की थी, तब से जिस बात की आशंका थी वह अब सच साबित होती नजर आ रही है। चीनी सेना तनाव घटाने के उपायों की बजाय अब भी अपनी धूर्तता के कई रंग दिखा रही है। इस क्रम में बुल्डोजरों के सहारे गलवन नदी के बहाव को बाधित करने की भी कोशिश कर रहा है। उपग्रह से ली गई तस्वीरों से यह साबित हो रहा है कि चीन गलवान नदी पर बांध बना रहा है। चीन ने बृहस्पतिवार को उन खबरों पर सवालों का जवाब देने से भी इनकार कर दिया कि वह चीन-भारत सीमा पर गलवान नदी के प्रवाह को बाधित करने के लिए एक बांध बना रहा है।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान सोमवार रात को गलवान घाटी में हिंसक झड़प में चीनी सेना में हताहतों के बारे में पूछे गए सवाल को लगातार दूसरे दिन टाल गए। झाओ से उन आरोपों के बारे में पूछा गया कि चीनी सैनिकों ने कर्नल संतोष बाबू और अन्य भारतीय सैनिकों पर लोहे की छड़ों तथा कंटीली तारों से बर्बर हमला किया गया। झाओ ने इस घटना के लिए भारतीय सेना को जिम्मेदार ठहराने वाले चीन के पुराने आरोपों को दोहराया। 

दोनों पक्ष तनाव को कम करने के लिए राजी 

उन्होंने कहा कि इस मामले में सही और गलत बहुत स्पष्ट है और इसकी जिम्मेदारी चीनी सेना पर नहीं है। उन्होंने कहा कि चीन ने मामले की जानकारी मुहैया कराई है। झाओ ने विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच बुधवार को टेलीफोन पर हुई बातचीत का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बातचीत के दौरान दोनों पक्ष संघर्ष से पैदा हुई गंभीर स्थिति से न्यायपूर्ण तरीके से निपटने पर राजी हुए और कमांडर स्तर की बैठक में बनी सहमति पर राजी हुए कि जल्द तनाव कम किया जाए। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के मंत्री सीमावर्ती इलाकों में शांति बनाए रखने पर भी सहमत हुए।

चीनी प्रवक्‍ता ने कहा, बांध बनाने की मुझे जानकारी नहीं 

उनसे उपग्रह से ली गई उन तस्वीरों के बारे में भी पूछा गया, जिसमें चीन गलवान नदी पर बांध बनाकर वहां का पानी रोकते हुए दिख रहा है और साथ ही यह पूछा गया कि क्या उसने भारत के साथ किसी समझौते का उल्लंघन किया है। इस पर प्रवक्‍ता झाओ ने कहा कि आपने जिन बातों का जिक्र किया है, मुझे उनकी जानकारी नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि मैं यह बात कहना चाहूंगा कि भारतीय सेना ने भारत-चीन सीमा के पश्चिमी क्षेत्र और कुछ अन्य इलाकों में एलएसी पार की और यथास्थिति को एकतरफा तरीके से बदलने की कोशिश की। 

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