मुजफ्फरपुर । ऑटो टिपर खरीद घोटाला में महापौर सुरेश कुमार के खिलाफ मुकदमा चलाने की जिलाधिकारी से मिली अनुमति पत्र को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को भेजा गया है। यह अनुमति पत्र नगर आयुक्त मनेश कुमार मीणा ने ब्यूरो के उपाधीक्षक को भेजा है। मंगलवार को नगर विकास विभाग के आदेश के आलोक में जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने महापौर के खिलाफ भ्रष्टाचार व अन्य धाराओं के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी थी। नगर आयुक्त को आगे की कार्यवाही का निर्देश दिया था। जिलाधिकारी के इसी पत्र के आलोक में नगर आयुक्त ने ब्यूरो के उपाधीक्षक को पत्र भेजा है।
निगरानी थाना में दर्ज कराई गई थी प्राथमिकी
इस मामले में अब महापौर के विरुद्ध निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की ओर से विशेष कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल करने का रास्ता साफ हो गया। करोड़ों रुपये के ऑटो टिपर घोटाला में महापौर दो पूर्व नगर आयुक्तों समेत दस आरोपितों के विरुद्ध निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की ओर से निगरानी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। मामले की जांच में ठोस साक्ष्य मिलने के बाद इस साल जनवरी में ब्यूरो की ओर से संबंधित विभागों के सक्षम पदाधिकारियों से अभियोजन की स्वीकृति मांगी थी।
यह है मामला
वर्ष 2017 में नगर निगम की सशक्त स्थायी समिति ने 50 ऑटो टिपर खरीदने का प्रस्ताव पारित किया था। इस प्रस्ताव के आलोक में नगर निगम की ओर से निविदा आमंत्रित की गई थी। निविदा में भाग लेने वाले तिरहुत ऑटोमोबाइल, माड़ीपुर के प्रतिनिधि संजय कुमार गोयनका ने इसमें धांधली की शिकायत निगरानी अन्वेषण ब्यूरो से की थी। इस शिकायत की जांच ब्यूरो के पुलिस अधीक्षक सुबोध कुमार विश्वास ने की। उनकी जांच में धांधली संबंधित शिकायत की पुष्टि हुई है। इसी आधार पर निगरानी थाना पटना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इसमें महापौर सुरेश कुमार, पूर्व नगर आयुक्त रमेश प्रसाद रंजन, पूर्व प्रभारी नगर आयुक्त रंगनाथ चौधरी और पूर्व कार्यपालक अभियंता बिंदा सिंह, डूडा के कार्यपालक अभियंता महेंद्र सिंह, सहायक अभियंता नंद किशोर ओझा, मो. कयामुद्दीन अंसारी, जूनियर इंजीनियर प्रमोद कुमार सिंह, भरत लाल चौधरी व आपूर्तिकर्ता को आरोपित बनाया गया था।
नियमानुकुल कार्यवाही का निर्देश दिया गया
नगर आयुक्त मनेश कुमार मीणा ने कहा कि ऑटो टिपर खरीद घोटाला में आरोपित महापौर के खिलाफ अभियोजन चलाने की अनुमति दिए जाने का जिलाधिकारी का पत्र उन्हें मिला था। इसमें नियमानुकुल कार्यवाही का निर्देश दिया गया था। इस अनुमति पत्र को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के उपाधीक्षक को भेजा गया है।