Home झारखंड लॉकडाउन से बेहतर हुआ झारखंड का पर्यावरण, सूक्ष्म धूलकण की मात्रा में भारी गिरावट

लॉकडाउन से बेहतर हुआ झारखंड का पर्यावरण, सूक्ष्म धूलकण की मात्रा में भारी गिरावट

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लॉकडाउन के दौरान लोगों को परेशानी और आर्थिक नुकसान भले ही हुआ हो, लेकिन राज्य के वायु और ध्वनि प्रदूषण में कमी आने से पर्यावरण बेहतर हुआ है। हवा में सेहत की दृष्टि से बेहद खराब माने जाने वाले सूक्ष्म धूलकण (पीएम-10) की मात्रा में भारी गिरावट आई है। रांची में पीएम-10 का सामान्य स्तर 90-110 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहता है, जो मौजूदा समय में 65-70 हैं,इसी तरह धनबाद और जमशेदपुर जैसे शहरों में भी सुधार दिखने लगा है। वायु प्रदूषण की मात्रा में 50 फीसदी तक कमी आई है। इसी तरह ध्वनि प्रदूषण में 30 फीसदी तक कमी आई है। पर्यावरण सुधार के लिए हवा और ध्वनि के इस स्तर को बरकरार रखना होगा, नहीं तो फिर से समस्या उत्पन्न होगी।

लॉकडाउन बढ़ने के साथ होता गया सुधार: राजधानी रांची की हवा में मौजूद सूक्ष्म धूलकण (पीएम 10) की मात्रा लॉकडाउन से पहले मानक सीमा 100 मिलीग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से 40 प्रतिशत तक अधिक करीब 140 तक रिकॉर्ड किया जाता था। लॉकडाउन-1 के दौरान इसमें 33.33 फीसदी की कमी आई। लॉकडाउन-2 के दौरान हालात और सुधरे। वायु प्रदूषण में 43.10 फीसदी की कमी हुई। वहीं लॉक डाउन-4 तक वायु प्रदूषण में कमी 50 फीसदी तक पहुंच गया। इसी तरह रांची में ध्वनि प्रदूषण में भी कमी आई है। लॉकडाउन के दौरान ध्वनि प्रदूषण में मानक से 24.95 फीसदी तक कमी हुई।

बदलाव: पर्यावरण सुधार का दिखा असर : लॉकडाउन के कारण प्रदूषण में कमी से पर्यावरण में सुधार हुआ तो बदलाव भी दिखा। कई पशु-पक्षी राज्य के विभिन्न शहरों में दिखने लगे। तितलियां बागों में दिखने लगी। मोर, गौरैया, चील समेत कई पक्षी मंडराने लगे। हवा में धूलकण की कमी से दूर स्थित पहाड़ और जंगल भी साफ दिखने लगे। मौसम का मिजाज भी बदला। इसलिए लॉकडाउन के दौरान जो सुधार हुआ है, उसे संभाल कर रखने और भविष्य के लिए सुधार की दिशा में कदम उठाने की जरूरत है।  

झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार लॉकडाउन में छूट मिलने के साथ-साथ फिजा एक बार फिर बदलने लगी है। मनमानी के कारण प्रदूषण में आई कमी फिर बढ़ने लगी है। धनबाद का झरिया भारत में सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में से एक है। यहां लॉकडाउन के दौरान वायु प्रदूषण में 28.21 फीसदी तक कमी आई थी। लेकिन छूट मिलने के साथ धनबाद में प्रदूषण फिर बढ़ने लगा। लॉकडाउन-एक में प्रदूषण में जो कमी आई थी वह लॉकडाउन तीन के दौरान बरकरार नहीं रह सकी। लॉकडाउन-3 के दौरान प्रदूषण में कमी 21.75 फीसदी पर आ गई। मतलब छूट मिली तो यह मानक से 12.25 फीसदी बढ़ गया। हालांकि रांची और जमशेदपुर में अभी मानक से अधिक नहीं बढ़ा है, लेकिन लॉकडाउन के मुकाबले छूट मिलने के साथ-साथ वायु प्रदूषण मात्रा बढ़ने लगी है। 

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