मुजफ्फरपुर । लॉकडाउन के कारण बेरोजगारी और आय में कमी का असर अब परिवार पर दिखने लगा है। ये बातें अब पारिवारिक कलह का रूप ले रही हैं और इससे परिवार का तानाबाना बिगड़ने लगा है। इसके कारण कई परिवारों में कलह की स्थिति पैदा होने लगी है। समस्तीपुर कॉलेज समस्तीपुर के राजनीति विज्ञान विभाग के प्राध्यापक डॉ.दिलीप कुमार ने अन्य प्राध्यापकों और शोधार्थियों के साथ मिलकर समाज पर कोरोना महामारी के सामाजिक प्रभावों पर पर्यवेक्षण विधि और साक्षात्कार का सहारा लेते हुए एक सघन समाजशास्त्रीय सर्वे शुरू किया है। सर्वे टीम को मिल रहे फीडबैक के अनुसार लॉकडाउन के बाद घरेलू आमदनी बंद होने के बाद घर में तनाव बढ़ रहा है। साथ ही महिलओं के खिलाफ हिंसा के मामले भी बढ़ रहे हैं। प्रवासियों को गांव में लौटने के बाद रोजगार नहीं मिल रहा इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव पड़ रहा है।
टीकाकरण और सामान्य सुविधाएं नहीं मिलने के कारण बढ़ी परेशानी
कोरोना वायरस का असर शुरू होने के बाद अस्पतालों में ओपीडी सेवा पूरी तरह ठप हो गई है। साथ ही बच्चों को लगने वाला जीवनरक्षक टीका तक नहीं दिया जा रहा है। वृद्ध और बीमार लोगों को भी काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। कोरोना काल में व्यापार और रोजगार नहीं होगा तो खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा कैसे सुनिश्चित होगी। ये सवाल अब निम्न, मध्यम वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के मन में अवसाद के रूप में स्थापित हो रहे हैं। कोरोना महामारी का प्रभाव ग्रामीण समाज के तानाबाना को न सिर्फ प्रभावित कर रहा है बल्कि समाज को मानसिक रूप से भी अस्वस्थ बना रहा है।
जेंडर विमर्श पर भी सोचना जरूरी
ग्रामीण इलाकों में भी अब भी शिक्षा का प्रचार-प्रसार उच्च स्तर पर नहीं हुआ है। साथ ही खाली समय का सदुपयोग करने के लिए सृजनात्मक क्रियाकलाप भी न के बराबर हैं। ऐसे में महिलाओं में अनचाहे प्रेगनेंसी में बढ़ोतरी के घटनाच्रक हमें आगे के दिनों में देखने को मिल सकता है। गर्भ निरोधक दवाओं की सप्लाई भी बाधित हुई है और इसके कारण आगे के दिनों में जनसंख्या में तेजी से इजाफा देखने को मिल सकता है।
इन इलाकों में सर्वे कर रहे प्राध्यापक और शोधार्थी
जिले के छह प्रखंडों मुशहरी, सकरा, कुढ़नी, मुरौल, कांटी और मड़वन के पंचायतों में टीम सर्वे कर रही है। प्रत्येक प्रखंड से एक पंचायत को अभी प्राथमिक संपूर्ण ईकाई के रूप में चुना गया है। इन पंचायतों में सर्वे पूरा होने के बाद व्यापक दृष्टिकोण के लिए अन्य पंचायताें से भी आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे।
रिसर्च टीम में ये हैं शामिल
समस्तीपुर कॉलेज समस्तीपुर के सहायक प्राध्यापक डॉ.जावेद अनवर और डॉ.नीतू कुमारी, बीआरए बिहार विवि के अतिथि शिक्षक डॉ.प्रियंका कुमारी, डॉ.धनंजय झा, डॉ.रूपम कुमारी, शोध छात्र विकास कुमार, शोध छात्रा अमृता कुमारी और अपराजिता शामिल हैं।