Home झारखंड धनबाद के हथियार तस्कर कुल्टी में बना रहे थे पिस्टल

धनबाद के हथियार तस्कर कुल्टी में बना रहे थे पिस्टल

0 second read
0
0
150

कोलकाता की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने शुक्रवार की देर रात कुल्टी नियामतपुर के नूर नगर में छापेमारी कर मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया। एसटीएफ ने मौके से भारी मात्रा में निर्मित व अर्द्धनिर्मित पिस्टल बरामद की है। साथ ही हथियार बनाने का सामान में भी जब्त किया गया है। मौके से धनबाद जिले के पांच हथियार तस्करों को दबोचा गया है। पकड़े गए आरोपियों में झरिया के इसरार अहमद व आरिफ, हरिणा के सूरज कुमार साव व उमेश कुमार वर्मा और धनसार का अरुण कुमार वर्मा शामिल हैं।हथियार तस्करी के मामले में इसी साल 19 फरवरी को शौकत अंसारी नामक तस्कर कोलकाता में एसटीएफ के हत्थे चढ़ा था। बताया जा रहा है कि रिमांड पर लिए गए शौकत ने ही नियामतपुर में पिस्टल बनाने का भेद खोला। शौकत की निशानदेही पर एसटीएफ ने शुक्रवार की आधी रात को स्थानीय पुलिस के साथ फैक्ट्री में दबिश देकर पांचों को दबोच लिया। छापेमारी में 350 निर्मित व अर्द्धनिर्मित 7 एमएम पिस्टल के अलावा कई लेथ मशीन, हेक्सा ब्लेड, रॉड और अन्य सामान बरामद किए गए हैं।

इसरार और आरिफ झरिया में चला रहे थे गन फैक्ट्री : झरिया के हमीद नगर में पिछले साल 16 मार्च को मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ था। इस मामले में भी इसरार और आरिफ जेल गए थे। मौके से मुंगेर के हथियार कारिगर भी दबोचे गए थे। बताया जा रहा है कि झरिया में फैक्ट्री पकड़े जाने के बाद ठिकाना बदल कर नियामतपुर में हथियार का कारखाने का संचालन किया जा रहा था। इसरार व आरिफ ने ही अशोक, सूरज और उमेश को अपने गिरोह में शामिल किया था। इन तीनों के आपराधिक इतिहास भी खंगाले जा रहे हैं। पांचों की कुंडली जानने के लिए बंगाल पुलिस ने धनबाद पुलिस से संपर्क किया है।

धनबाद में इसी फैक्ट्री से हो रही थी हथियार की सप्लाई : झरिया में हथियार कारखाने में छापेमारी के बाद भी लगातार अवैध हथियारों की खेप धनबाद पहुंच रही थी। कई बार पुलिस अपराधियों के पास से वैसे ही पिस्टल पकड़ रही थी। माना जा रहा था कि वे हथियार झरिया में ही बने होंगे। लेकिन नियामतपुर के हथियार भी झरिया के हाथियार से ही मेल खा रहे हैं। पांचों से पूछताछ के बाद उनसे हथियार खरीदने वालों का भी चेहरा बेनकाब होगा। एसटीएफ उन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। पुलिस मान रही है कि भले ही हथियारों का निर्माण बंगाल में हो रहा था, लेकिन आज भी हथियारों का सबसे बड़ा खरीदार धनबाद ही था।

Load More By Bihar Desk
Load More In झारखंड

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Check Also

जेपी के विकास मॉडल से दूर होगी बेरोजगारी, अगले वर्ष पांच जून को होगा राष्ट्रीय आयोजन

मुजफ्फरपुर । लोकनायक जयप्रकाश के मुशहरी आगमन के 50 साल पूरा होने पर विचार गोष्ठी का आयोजन …