मुंगेर । हॉट स्पॉट बना जमालपुर शहर का सदर बाजार इलाका कोरोना संकट से बाहर निकल आया है। हालांकि जमालपुर शहर में दुकान नहीं खुली हैं। लगातार कोरोना मरीज मिलने के बाद वार्ड संख्या 18, 20, 21, 23 को बंद कर दिया गया था। पूरे इलाके को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया। इस कारण लोग घरों में कैद रहने को विवश हो गए थे।
क्वारंटाइन सेंटर एसबीएन कॉलेज पाटम से 29 प्रवासी मजदूरों को क्वारंटाइन अवधि पूरा करने के बाद परिवार के साथ घर के लिए प्रस्थान किए। प्रस्थान करने से पूर्व सीओ शंभू मंडल ने बताया कि कुल 21 दिन की क्वारंटाइन अवधि में 14 दिन प्रवासियों ने क्वारंटाइन सेंटर में बीताए।
होम क्वारंटाइन में सामाजिक दूरी का पालन करें
धरहरा प्रखंड क्वारंटाइन सेंटर की व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने को लेकर कार्यालय सभा कक्ष में बीडीओ डॉ. प्रभात रंजन ने पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने बाहर से आए प्रवासी मजदूरों के लिए बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर संबंधित व्यवस्थाओं को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिया। बीडीओ. डॉ. प्रभात रंजन ने कहा कि पदाधिकारी कैंपों ने आवासन, नाश्ता, भोजन, पेयजल, शौचालय सहित विभिन्न सुविधाओं की सतत निगरानी करना सुनिश्चित करेंगे। 14 दिन बाद क्वारंटाइन कैंप से निकलने वाले प्रवासी घर में 7 दिनों तक स्वयं को एकांतवास में रखेंगे। इस दौरान वे सामूहिक दूरी रख कर क्वारंटाइन कैंप की नियमों का घर में भी पालन करेंगे। रेडजोन के अलावे अन्य सभी प्रवासी जो होम क्वारंटाइन हुए हैं। उनके घरों पर पर्चियां चिपकायी जाएगी। नियमित स्क्रीनिंग कर उनकी सतत निगरानी की जाएगी।
16 प्रवासी मजदूरों का सैंपल जांच के लिए भेजा गया पटना
असरगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी डॉ. ललन कुमार ने बताया कि प्रखंड के विभिन्न क्वारंटाइन सेंटर से 16 प्रवासी मजदूरों का सैंपल पटना भेजा गया है।
क्वारंटाइन में रहने को लेकर प्रवासी ने किया बवाल
क्वारंटाइन उच्च विद्यालय चाखंड में 113 प्रवासी मजदूर रह रहे थे। शिवम लाइन होटल में बाहर से आए चाखंड गांव के एक प्रवासी मजदूर का स्वास्थय जांच किया गया। जिसके बाद उसे होम क्वारंटाइन में रहने का पर्चा दिया था। किंतु, वह उच्च विद्यालय चाखंड में बने क्वारंटाइन कैंप में रहने को लेकर विवाद करने लगा। चाखंड के कुछ ग्रामीणों के सहयोग से सड़क पर पेड़ काट कर गिरा दिया।