पटना । कांग्रेस विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने बिहार में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के लिए प्रवासियों को जिम्मेदार ठहराने पर आपत्ति की है। उन्होंने कहा कि बिना तैयारियों के लॉकडाउन करना और जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं का बड़े पैमाने पर अभाव के कारण हालत चिंताजनक है। उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा कि भारतीय जनता पार्टी व जनता दल यूनाइटेड के नेता कोरोना से जंग के बदले कांग्रेस सहित विपक्ष पर निशाना साध रहे हैं। अभी इसका वक्त नहीं है, उन्हें कोरोना पर ध्यान देना चाहिए।
अपनी विफलताओं से ध्यान हटाने की कोशिश में सरकार
प्रेमचंद मिश्रा ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार प्रवासियों को समय रहते मदद पहुंचाने में वह विफल रही है। बीजेपी व जेडीयू के नेता कोरोना से कैसे लड़ा जाए और प्रवासियों की कैसे मदद की जाए, इसपर काम करने की बजाय राजनीतिक बयानबाजी में लगे हैं। दोनों प्रमुख दल अपनी विफलताओं से लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश में लगे रहते हैं।
ट्रेंनें लेट, क्वारंटाइन सेंटर जा रहे भूखे व अस्वस्थ श्रमिक
उन्होंने कहा कि सत्तापक्ष को यह बताना चाहिए कि बिहार आने वाली प्राय: सभी श्रमिक स्पेशल ट्रेनें एक- दो दिनों में बिहार पहुंचने की जगह पांच से आठ दिनों तक असामान्य ढंग से लेट क्यों आ रही हैं? बिहार आने वाली ट्रेन ओडिशा और बंगलुरु कैसे पहुंच जाती है? क्या रेल मंत्रालय ऐसे परिचालन के लिए जिम्मेवार नही है? ऐसे ट्रेनों से आनेवाले श्रमिक भूखे प्यासे तथा अस्वस्थ होकर क्वारंटाइन कैंप में पहुंच जाते हैं।
अब प्रवासियों को राज्य में ही नौकरी देने का झांसा
प्रेमचंद मिश्रा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी पर आरोप लगाया कि कोरोना के नाम पर उनकी नियमित समीक्षा बैठकें चुनाव की तैयारियों में परिर्वितत हो गई हैं। दोनों नेताओं के 15 वर्षों तक सत्ता में रहने के बावजूद बिहार में अभी तक जरूरत के अनुसार शिक्षकों और डॉक्टरों की नियुक्ति तक नहीं हो सकी है। जबकि, प्रवासियों को बिहार में ही नौकरी देने का झांसा दिया जा रहा है।
विधानसभा चुनाव देखकर हास्यास्पद घोषणाएं
प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि विधानसभा चुनाव सर पर देखकर सरकार ऐसी हास्यास्पद घोषणाएं कर रही है। ये घोषणाएं पूरी नहीं होने जा रहीं हैं।