मधुबनी । जिले के लोगों की इम्युनिटी चर्चा में है। इसके सहारे यहां के लोग बिना दवा कोरोना को मात दे रहे। इसपर रिसर्च करने के लिए सोमवार को आरएमआरआइ (राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट््यूट) से विशेषज्ञों की टीम पहुंची। टीम के सामने सैंपल देने वालों की लाइन लग गई। ब्लड सैंपल को मेडिकल प्रावधान के अनुसार सुरक्षित पटना ले जाया जाएगा। रोग प्रतिरोधक क्षमता की जांच के लिए सैंपल को चेन्नई भेजा जाएगा।
बिना दवा कोरोना पॉजिटिव से निगेटिव
पता लगाया जाएगा कि इस इलाके के लोगों के पास रोग प्रतिरोधक क्षमता किस स्तर पर मौजूद है। यह भी पता लगाया जाएगा कि किस स्तर के रोग प्रतिरोधक क्षमता रहने पर कोरोना पूरा प्रभाव यहां के लोगों के जीवन पर नहीं डाल पाता। वे बिना किसी खास तरह की दवा के ही कोरोना पॉजिटिव से निगेटिव हो रहे हैं।
उम्रदराज लोगों के सैंपल लिए गए
सोमवार दस प्रखंडों के 40-40 लोगों के सैंपल लिए गए। झंझारपुर प्रखंड के गोधनपुर महादेव मंदिर प्रांगण में महिलाओं ने खून दिया। पुरुषों ने आनाकानी की। आरएमआरआइ की ओर से तीन सदस्यीय जांच टीम का नेतृत्व डॉ. मोहम्मद अली ने किया। साथ में लैब टेक्नीशियन अजीत कुमार एवं आदित्य पांडेय थे। कलुआही प्रखंड के मधेपुर गांव में घर-घर जा कर 40 परिवारों के एक-एक सदस्य के ब्लड सैंपल लिए गए। इसमें अधिकतर महिलाएं एवं वृद्ध थीं। दस लोगों के कोविड-19 की जांच कराई गई है। इसमें सभी की रिपोर्ट निगेटिव आने की जानकारी है। बिस्फी प्रखंड में टीम ने बलहा पंचायत के बैंगरा में उम्र दराज लोगों का सैंपल लिया गया।
ज्ञात हो कि मधुबनी में संक्रमण का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। खासकर प्रवासियों के आने के बाद से यह उत्तर बिहार का हॉटस्पॉट बनता जा रहा है। सूबे के स्तर पर बात करें तो यह उन चुनिंदा जिलों में शामिल है जो बिहार का रेड जोन जिला कहा जा रहा है। लेकिन, स्वस्थ होन वालों की संख्या भी अच्छी है।