लॉकडाउन (Lockdown) के मुश्किल वक़्त में मजदूरों की बेबसी की तस्वीरें जहां रोंगटे खड़े कर देती हैं, वहीं सरकारी अमला अक्सर पत्थरदिल बन इनके साथ अमानवीय हरकत करता नज़र आ जाता है. कुछ ऐसा ही रविवार को यूपी के औरैया में सड़क हादसे (Auraiya Road Accident) का शिकार हुए झारखंड (Jharkhand) के मजदूरों के साथ हुआ. इस दर्दनाक हादसे में मारे गए मजदूरों के शव जिस ट्रक पर रखकर झारखंड के बोकारो भेजे जा रहे थे, उसी ट्रक पर शवों के साथ ही हादसे में घायल हुए मजदूरों को भी बिठा दिया गया था.
सीएम हेमंत सोरेन के ट्वीट के बाद ट्रकों को प्रयागराज में हाइवे पर रेाका गया
शवों से आ रही तेज दुर्गंध के बीच बैठे घायलों की तस्वीर को जब झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने ट्वीट करते हुए अपने राज्य के अफसरों को शवों और घायलों को सम्मान देने को कहा. तब जाकर यूपी का सरकारी अमला हरकत में आया. आनन-फानन में बोकारो जाने वाले ट्रक के साथ ही वेस्ट बंगाल जाने वाले दो ट्रकों को संगम नगरी प्रयागराज में दिल्ली-हावड़ा नेशनल हाइवे पर रोका गया. करीब डेढ़ घंटे इंतजार के बाद सरकारी अमले ने वहां एम्बुलेंस का इंतजाम कराया.बोकारो जा रहे जिस ट्रक पर शवों के साथ 3 मजदूरों को बिठाए जाने की तस्वीर वायरल हुई थी, उसके साथ के बाकी दोनों ट्रकों को भी प्रयागराज के नवाबगंज इलाके में NH-2 पर रोक लिया गया. किसी को जानकारी न हो इसके लिए एक तरफ के रास्ते को ब्लॉक कर दिया गया. पुलिस के आलाधिकारियों ने जल्दबाजी दिखाते हुए 17 शवों को तीन अलग-अलग जगह जाने वाले 6 एंबुलेंस में शिफ्ट कर दिया. रविवार रात करीब सवा 9 बजे एम्बुलेंसों को आगे के लिए रवाना कर दिया गया.
शासन से निर्देश के बाद 6 एंबुलेंस मंगाई गईं: आईजी
मामले में आईजी केपी सिंह ने बताया कि औरैया चूंकि छोटा जिला है, लिहाजा वहां एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं हो पाई थी. तीन डीसीएम (छोटा ट्रक) से कुल 17 शव भेजे जा रहे थे. इनमें 6 शव पश्चिम बंगाल के पुरुलिया के थे और 11 शव झारखंड के थे. शासन से निर्देश के बाद प्रयागराज में हाइवे पर फौरन ट्रकों को रुकवाया गया. इसके बाद 6 एंबुलेंस से इन्हे भेजा गया. इसके साथ ही घायलों को भी सुरक्षित उनके घर भेज दिया गया है.