पटना । लॉकडाउन के दौरान जगह-जगह फंसे प्रवासी श्रमिकों का बिहार आना लगातार जारी है। ऐसे श्रमिकों को परेशानी नहीं हो, इसलिए बिहार सरकार उनके रहने पर हुए खर्च की भरपायी का प्रस्ताव हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने अस्वीकर कर दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को पत्र लिख कर आभार जताते हुए उन्होंने पैसे लेने से इन्कार कर दिया है। मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि राष्ट्र निर्माण में श्रमिकों के योगदान को देखते हुए पहले की तरह ही हरियाणा सरकार स्वयं प्रवासियों का खर्चा उठाएगी।
विदित हो कि बिहार सरकार ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को पत्र लिखकर लॉकडाउन (Lockdown) के कारण हरियाणा (Haryana) में फंसे बिहार के नागरिकों के बारे में चिंता व्यक्त की तथा हरियाणा सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं के बदले खर्च धन की भरपाई का प्रस्ताव दिया। इसे हरियाणा के मुख्यमंत्री ने अस्वीकार कर दिया।
लिखा: हरियाणा में रहने वाला प्रत्येक भारतीय मेरी जिम्मेदारी
मनोहर लाल खट्टर ने नीतीश कुमार को पत्र में लिखा कि बिहार सरकार ने लॉकडाउन के चलते हरियाणा में फंसे बिहारियों की चिंता की और हरियाणा सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं के बदले धनराशि देने का प्रस्ताव दिया। इसे अस्वीकार करते हुए खट्टर ने लिखा कि यह चिंता उचित और सराहनीय है, लेकिन हरियाणा में रहने वाला प्रत्येक भारतीय नागरिक उनकी जिम्मेदारी है।
हरियाणा की उन्नति में बिहारियों का भी रहा बड़ा योगदान
खट्टर ने लिखा कि हरियाणा की आर्थिक, औद्योगिक और कृषि क्षेत्र की उन्नति में बिहारियों का भी बड़ा योगदान रहा है। हरियाणा में काम करने वाला चाहे कहीं भी पैदा हुआ हो, आज किसी हरियाणवी से कम नहीं है। खट्टर ने लिखा है कि हरियाणा में उन्हें अपनों की तरह रखा गया है। वे उनकी जिम्मेदारी हैं।
जो बिहार से हरियाणा वापस आना चाहें, उनका स्वागत
खट्टर ने लिखा है कि उनकी सरकार लॉकडाउन में फंसे सभी प्रवासियों की मदद कर रही है। हमने राष्ट्रीय एकता और अखंडता का संवैधानिक प्रण लिया है। उन्होंने आगे लिखा है कि हरियाणा में उद्योग खुलने लगे हैं और अर्थव्यवस्था सामान्य स्थिति में लौट रही है। ऐसे में बिहार वापस लौट गये लोग जब भी वापस आना चाहेंगे, उनका स्वागत है।