पूर्वी चंपारण । लॉकडाउन के चलते घरों में कैद बुजुर्गों को निशुल्क धार्मिक पुस्तकें उपलब्ध करा रहे मोतिहारी शहर के समाजसेवी रामभजन। वे पिता द्वारा संग्रहित धार्मिक व अध्यात्म से जुड़ीं पुस्तकें झोले में लेकर निकलते और जिस बुजुर्ग को जरूरत होती, उन्हें पढऩे के लिए देते हैं। अब तो इस काम में कई लोग सहयोग कर रहे हैं। कुछ लोग पुस्तकें भी उपलब्ध करा रहे हैं।
परिवार वालों ने सहयोग किया
चैंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व महासचिव सह समाजसेवी रामभजन ने लॉकडाउन में बुजुर्गों को धार्मिक पुस्तकें उपलब्ध कराने का निर्णय लिया। इस पर परिवार वालों ने सहयोग किया। घर में रखीं पुस्तकेंं निकालकर सफाई की। रामभजन ने इसे देने की शुरुआत अपने मोहल्ले राजेंद्र नगर से की। कुछ ही दिनों में इसकी चर्चा सोशल मीडिया पर होने लगी। इससे प्रभावित हो केशव कृष्णा, अजय कुमार उर्फ मंटू, विक्की कुमार व गुंजन कुमार भी सहयोग में आगे आ गए। ये भी लोगों तक पुस्तकें पहुंचाने लगे।
सभी वार्डों में मिल रही सुविधा
अब तो नगर परिषद के सभी 38 वार्डों में बुजुर्गों तक यह सुविधा मिल रही है। टीम के युवा पुस्तक देने के साथ अपना मोबाइल नंबर भी उपलब्ध कराते, ताकि अध्ययन के बाद लौटाने के लिए फोन किया जा सके। अभियान की सफलता को देख कोल्हुअरवा निवासी मनोज मिश्रा ने योग से जुड़ीं 150 पुस्तकें और देवरहा बाबा मंदिर के सचिव डॉ. जयगोविंद प्रसाद ने धर्म से जुड़ीं 80 पुस्तकें भेंट की हैं।
घर में भक्तिमय माहौल बनने लगा
मठिया के राजेंद्र श्रीवास्तव, राजेंद्र नगर के अजय ङ्क्षसह, सरोज गुप्ता, छतौनी के प्रदीप सिन्हा, बैंक रोड के विनय शर्मा, ङ्क्षहदी बाजार के गोपालजी प्रसाद, बनियापट्टी के विजय गुप्ता आदि कहते हैं कि इससे घर में भक्तिमय माहौल बनने लगा है। लॉकडाउन में लोगों में पढऩे की रुचि भी बढ़ी है।
रामभजन कहते हैं कि पिता स्व. केदारनाथ गुप्ता देवरहा बाबा मंदिर के लगातार 35 वर्षों तक सचिव रहे। इस दौरान उन्होंने विभिन्न प्रकाशनों के 125 धर्मग्रंथ व 400 से अधिक आध्यात्मिक पुस्तकों का संग्रह किया। उनके निधन के बाद से पुस्तकें उपेक्षित सी पड़ी थीं। शुरुआत के 10 दिनों में अकेले था, लेकिन सोशल मीडिया के सहयोग से कई लोग जुड़े तो उत्साह बढ़ा।