झारखंड के छोटे और सीमांत किसानों के ऋण माफी की तैयारी शुरू कर दी गई है। लॉकडाउन के बाद कर्जदार किसानों को लोन से मुक्ति मिल सकेगी। अगले तीन माह में किसानों का ऋण माफ करने की योजना है। इन किसानों में उन्हें शामिल किया गया है जो 50 हजार रुपए तक का कृषि लोन लिए हुए हैं। कृषि विभाग दूसरे राज्यों के कृषि माफ की योजनओं का फिलहाल मुआयना कर रहा है, जिसमें देखा जा रहा है कि किस तरह से बड़ी संख्या में कर्जदाता किसानों को लाभ दिया गया और जो कर्जदाता किसान बच गए उन्हें किस तरह से राहत दी जाती रही है। दूसरे राज्यों की नीतियों पर होमवर्क करने के बाद विभाग प्रस्ताव बनाकर इसे कैबिनेट में रखेगा। इसके बाद ही किसानों को इससे लाभ मिल सकेगा।
विभागीय सूत्रों के अनुसार दूसरे राज्यों की योजनाओं का बारीकी से अध्ययन किया जा रहा है। इस बीच विशेषज्ञों से भी राय ली जा रही है। इसके बाद प्रस्ताव तैयार करने में करीब दो माह तक का वक्त लगेगा, इसके बाद ही किसानों को लाभ मिल सकेगा। मालूम हो कि सरकार ने बजट में दो हजार करोड़ रुपये की ऋण माफी की घोषणा की है, जिसके तहत इस पहल पर काम किया जा रहा है। किसानों की ऋण माफी की घोषणा सरकार के चुनावी एजेंडी में भी थी।
कृषि मंत्री बादल बताते हैं कि किसानों को कोरोना की वजह से दोगुनी मार झेलनी पड़ी है। लेकिन अब किसनों को सरकार राहत देने की तैयारी शुरू कर दी है। लॉकडाउन की वजह से ऋण माफी की योजना शुरू करने में थोड़ा विलंब हुआ है पर अब देर नहीं होगी। इसे लेकर किसानों की सूची अपडेट करने का काम कर दिया गया है। राज्य में ऐसे किसानों की संख्या 14 लाख से उपर है, इन सभी चीजों को दोबारा देखा जा रहा है और इसके बाद राहत कार्य शुरू होगा।