मुजफ्फरपुर । लॉकडाउन और मौसम के मिजाज में बदलाव के चलते मुजफ्फरपुर शहर में प्रदूषण के स्तर में सुधार आया है। साथ ही यहां की हवा स्वच्छ हुई है। शहर में पूर्व की तुलना में ज्यादातर प्रदूषकों के स्तर में 17 से 89 फीसद की कमी आई है। 23 मार्च से 30 अप्रैल तक लॉकडाउन की अवधि में जिले में पीएम 2.5 के स्तर में 80 फीसद की कमी आई है। इस अवधि में पीएम 2.5 का अधिकतम स्तर 88 रहा। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की अपेक्षा 25 फीसद कम है। यह आंकड़ा संतोषप्रद की श्रेणी में आता है।
पीएम 2.5 में 32 फीसद की कमी
गया और हाजीपुर की स्थिति संतोषप्रद व पटना की स्थिति मध्यम है। पटना स्थित बीआईटी मेसरा में लॉकडाउन की अवधि में पीएम 2.5 में 32 फीसद की कमी आई। इस अवधि में इसका अधिकतम स्तर 103 रहा। यह पिछले साल की अपेक्षा 11 फीसद कम है। गया समाहरणालय में पीएम 2.5 में 19 फीसद कमी के साथ अधिकतम लेबल 62 रहा।
52 फीसद गिरावट दर्ज की गई
पिछले साल की अपेक्षा 47 फीसद कमी दर्ज की गई है। इको पार्क गया में लॉकडाउन के दौरान अधिकतम पीएम 2.5 का लेबल 75 रहा। यहां 81 फीसद कमी दर्ज की गई। एसकेएम मुरादपुर पटना में पीएम 2.5 के स्तर में 52 फीसद गिरावट दर्ज की गई। यहां प्रदूषण का अधिकतम स्तर 105 रहा। शिकारपुरा पटना सिटी में लॉकडाउन में पीएम 2.5 का अधिकतम स्तर 114 रहा। यहां इसमें 89 फीसद कमी दर्ज की गई। हाजीपुर में 74 फीसद कमी के साथ पीएम 2.5 का अधिकतम स्तर 96 रहा। एसएफटीआई गया में 76 फीसद कमी के साथ अधिकतम स्तर 74 रहा।
प्रदूषण के स्तर में सुधार का कारण मौसम भी
बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद वायु गुणवत्ता प्रबोधन केंद्र मुजफ्फरपुर के जनसंपर्क अधिकार वीरेंद्र कुमार की मानें तो 23 मार्च से 30 अप्रैल तक की लॉकडाउन अवधि में यात्रा प्रतिबंध और वायु प्रदूषण कारक क्षेत्रों समेत गैर जरूरी गतिविधियों के बंद रहने से वायु प्रदूषण की स्थिति में सुधार आया है। प्रदूषण नियंत्रण पर्षद द्वारा जनवरी से अप्रैल तक प्रदूषण के स्तरों के अध्ययन में पाया है कि पिछले वर्ष की अपेक्षा इस अवधि में प्रदूषण के स्तर में सुधार आया है। उन्होंने बताया कि प्रदूषण के स्तर में सुधार का प्रमुख कारण लॉकडाउन के अलावा मौसम भी रहा है।