झारखंड में कोरोना मरीजों की संख्या 200 के पार हो गई। गुरुवार को 22 संक्रमित मिलने से कुल मरीजों की संख्या 203 हो गई। इनमें हजारीबाग के आठ, पलामू के सात, रांची के पांच, कोडरमा और जमशेदपुर के एक-एक संक्रमित शामिल हैं।
इधर, रेड जोन रांची में कोरोना मरीजों की संख्या सौ के पार हो गई। पांच नए मरीजों के मिलने के बाद इनकी कुल संख्या 102 हो गई है। अब गढ़वा भी सूबे का नया रेड जोन बन गया है। यहां से अब तक 23 मरीज मिल चुके हैं। इसके साथ ही हजारीबाग और पलामू भी रेड जोन में जाने की दहलीज पर हैं। साथ ही 13 जिले ऑरेंज जोन में आ गए हैं। संक्रमण के आधार पर सूबे में अब 63 कंटेन्मेंट जोन बनाए जा चुके हैं।
रांची से मिलने वाले पांच मरीजों में से चार अनगड़ा और एक रिम्स के नेत्र विभाग का वार्ड अटेंडेंट है। रिम्स के इस कर्मचारी की ड्यूटी कोविड वार्ड में लगी थी। इस बीच उसके संपर्क में आने वाले स्टाफ की सूची बनायी जा रही है। साथ ही नेत्र विभाग को सेनेटाइज करने की तैयारी है। हजारीबाग में जो आठ मरीज मिले हैं उनमें छह अकेले बरकट्ठा के हैं।
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेज हुई है और पिछले आठ दिनों में 86 संक्रमित मिले हैं। इनमें अधिकांश प्रवासी मजदूर हैं। डॉ. कुलकर्णी ने कहा कि पहले दिन से अब तक पॉजिटिव केस मिलने की रफ्तार देखें तो 31 मार्च से 14 मई के बीच संक्रमण की रफ्तार धीमी थी, लेकिन पिछले कुछ दिनों का ट्रेंड बढ़ता हुआ दिख रहा है। अब यहां 13.7 दिन में मरीज दोगुने हो रहे हैं। सरकार ने केंद्र सरकार की गाइड लाइन के आधार पर देश के हॉटस्पॉट इलाकों से आने वाले श्रमिकों को सरकारी कोरंटाइन में रखने का निर्णय लिया है ताकि उनकी वजह से नए क्षेत्रों में संक्रमण न फैले। अगले चरण में इनकी जांच कराई जाएगी। रिपोर्ट निगेटिव मिलने पर ही इन्हें होम कोरंटाइन में भेजा जाएगा।
राज्य में कोरोना संक्रमण के आधार पर अब 63 कंटेन्मेंट जोन हो गए हैं। इन इलाकों के एक से तीन किलोमीटर क्षेत्र को सील करके एक-एक घर का सर्वे किया जा रहा है। इनमें 104517 घर हैं। अब तक इन घरों में से 11355 लोगों की कोरोना जांच कराई गई है और कुल 122 पॉजिटिव केस मिले। कॉटैक्ट ट्रेसिंग में कुल 3646 लोगों की जांच में 69 पॉजिटिव रिपोर्ट किए गए हैं। राज्य में एक घंटे में चार टेस्ट वाली 30 मशीनें लगाई जाएंगी। इनका इस्तेमाल आपातकालीन सेवा खासकर गर्भवतियों के लिएकिया जाएगा। उम्मीद है कि 10 मशीनें तीन दिनो में मिल जाएंगी। इन मशीनों को मेडिकल कॉलेज और दूरस्त जिलों में लगाया जाएगा ताकि आपाकालीन सेवा बाधित न हो। एक घंटे में दो जांच वाली ट्रूनेट मशीनें रांची, गढ़वा, गिरिडीह, दुमका, साहिबगंज के सदर अस्पताल में लगाई गई है।