राज्य में प्रवासी मजदूरों का लौटना शुरू हो गया है। दूसरे राज्यों से लौटे कई मजदूरों का अगले सप्ताह तक 14 दिन का कोरंटाइन पूरा हो जाएगा। सरकार के सामने अब उन्हें रोजगार मुहैया कराना चुनौती है। सरकार ने मनरेगा के तहत मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने की योजना तैयार की है। ग्रामीण विकास विभाग ने इसके लिए ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया है। विभाग ने पांच लाख मजदूरों को प्रतिदिन काम देने का लक्ष्य रखा है। मजदूरों का नया जॉब कार्ड खोलने के लिए इसे प्रिंट कराने कराया जा रहा है।मनरेगा के तहत वर्तमान में 3.16 लाख मजदूर रोजाना काम कर रहे हैं। विभागीय सचिव अविनाश कुमार और मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने जिलों को अधिक से अधिक मजदूरों को काम देने का निर्देश दिया है। इस संबंध में उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिग कर जिलों को जानकारी देने के अलावा पत्र लिख कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। पांच लाख मजदूरों को रोजाना काम देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिन जिलों में कम मजदूरों को काम मिल रहा है, उन्हें अधिक काम देने का निर्देश दिया गया है। साथ ही मनरेगा के मजदूरों को अन्य कार्यों में नहीं लगाने के लिए भी कहा गया है।राज्य में लौटे प्रवासी मजदूरों की सूची तैयार की जा रही है। उनका कोरंटाइन कब खत्म हो रहा, यह भी देखा जा रहा है। इसके बाद उन्हें काम देने की तैयारी शुरू कर दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि झारखंड में करीब 49 लाख ग्रामीण परिवार जॉब कार्ड होल्डर हैं। एक्टिव जॉब कार्ड करीब 22 लाख परिवार के पास हैं। इनमें करीब 29 लाख मजदूर शामिल हैं। पहले मजदूर काम के लिए शहर भी जाते थे, लेकिन मौजूदा परिस्थिति में मजदूर अब शहर में जाना नहीं चाहेंगे। साथ ही भारी संख्या में प्रवासी मजदूर लौट आए हैं। इसलिए अधिक जॉब कार्ड खोलने की जरूरत होगी। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। अधिकारियों ने कहा कि मनरेगा के तहत एक परिवार को साल में 100 दिन काम मुहैया कराना होता है। अगर मजदूरों द्वारा काम मांगने पर उन्हें नहीं मिला, तो बेरोजगारी भत्ता देना होगा। इस स्थिति में अधिकारियों के वेतन से काट कर बेरोजगारी भत्ता देने का नियम है।विभाग ने अधिक से अधिक मजदूरों को काम देने का रोड मैप तैयार कर लिया है। इनमें प्रवासी मजदूर भी शामिल हैं। पौधारोपण, मिट्टी खोदने, जल संरक्षण के कार्यों के अलावा खेत की मेढ़बंदी, नाला पुनर्जीवन कार्य, सोख्ता गड्ढा का निर्माण आदि योजनाओं का विभिन्न जिलों में चयन किया गया है
Home झारखंड प्रवासी मजदूरों को काम देने का ब्लू प्रिंट तैयार, ग्रामीण विकास विभाग ने पांच लाख मजदूरों को रोजगार देने का रखा लक्ष्य
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