रांची. कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के खतरे की परवाह किये बिना डॉक्टर और अन्य मेडिकल स्टाफ इनदिनों अस्पताल पहुंचते हैं. ऐसे में अस्पताल प्रबंधकों से उम्मीद की जाती है कि वे भी इन्हें समय पर वेतन भुगतान कर दें. लेकिन रांची के एक निजी अस्पताल में पिछले दो महीने से वेतन (Salary) नहीं मिलने पर जब कर्मचारियों ने इसकी मांग की, तो प्रबंधन ने जान से धमकी देने का आरोप लगाते हुए कर्मचारियों पर केस (FIR) दर्ज करा दिया. प्रबंधन के इस रवैये से नाराज कर्मचारियों ने गुरुवार को अस्पताल के बाहर हंगामा (Protest) किया. कर्मचारियों ने हॉस्पिटल के निदेशक रवि रंजन को हटाने की मांग की.राजधानी के बरियातू इलाके में स्थित साई हॉस्पिटल में फिलहाल 60 कर्मचारी सेवा दे रहे हैं. हॉस्पिटल की स्थापना साल 1996 हुई. और इसे ट्रस्ट के तहत चलाया जा रहा है. लेकिन कोरोना के इस संकट में पिछले दो महीने से अस्पताल के कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है. कर्मचारियों ने जब वेतन की मांग की, तो उनपर बरियातू थाने में केस दर्ज कराया दिया गया.अस्पताल की कर्मचारी डेजी खान ने बताया कि उनलोगों को आंदोलन के रास्ते पर इसलिए जाना पड़ा, क्योंकि पिछले साल भी तीन महीने का वेतन नहीं दिया गया. और इस साल भी कोरोना के नाम पर दो महीने का वेतन लटका दिया गया है. वेतन मांगने पर प्रबंधन की ओर से प्रताड़ित किया जाता है. अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर में काम करने वाले आसिक अहमद ने बताया कि जब उनलोगों ने वेतन की मांग की, तो निदेशक ने बरियातू थाने में जान से मारने की धमकी देने के आरोप में केस दर्ज करा दिया.
निदेशक ने दी ये सफाई
हॉस्पिटल के निदेशक रवि रंजन ने सफाई देते हुए कहा कि कोरोनाबंदी के चलते दो महीने से अस्पताल में मरीज कम हैं. इसलिए सैलरी देने में दिक्कत हुई है, पर वह धीरे-धीरे कर्मचारियों को भुगतान कर रहे हैं. लेकिन जिस तरीके से कर्मचारियों ने धमकी दी. ऐसे में सुरक्षा के मद्देनजर इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.