पटना । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि कुशल प्रवासी मजदूरों को शीघ्र रोजगार दिलाना सुनिश्चित करें। उद्योग विभाग को उन्होंने कहा कि इस चुनौती को अवसर के रूप में स्वीकार करें और प्रवासी मजदूरों की स्किल र्मैंपग के आधार पर औद्योगिक इकाइयों में रोजगार उपलब्ध कराएं। उद्योग विभाग अन्य नए कार्य भी प्रारंभ कर प्रवासी मजदूरों के स्थायी रोजगार के लिए पूरी तत्परता के साथ कार्य करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी मजदूरों के स्किल का राज्य की अर्थव्यवस्था में सकारात्मक योगदान हो सकता है।
मुख्यमंत्री ने कोरोना महामारी की रोकथाम को लेकर किए जा रहे कार्यों की उच्चस्तरीय समीक्षा की और पदाधिकारियों को मुख्य रूप से पांच टास्क दिए, जिसपर तत्परता से कार्रवाई के निर्देश दिए। इनमें मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराना, गरीबों को राशनकार्ड व पेंशन देना और कोरोना जांच क्षमता बढ़ाना आदि प्रमुख रहे।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि राज्य में कोरोना जांच की क्षमता कम-से-कम दस हजार तुरंत करें। जिलों में जांच शीघ्र प्रारंभ करें। हरसंभव स्रोत से आरटीपीसीआर, सीबी नैट मशीन, ट्रू नेट मशीन, र्टेंस्टग किट्स और कार्टेज की अधिक-से-अधिक व्यवस्था करें। इसके लिए रणनीति बनाकर काम करें।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन के अंतर्गत जिन नए आवेदनों की स्वीकृति होनी है, उन्हें समाज कल्याण विभाग शीघ्र पूरा करे। साथ ही सभी योग्य लाभुकों के खाते में पेंशन राशि का भुगतान सुनिश्चित करें।
संक्रमण फैलाव रोकने में प्रखंड क्वारंटाइन सेंटर कारगर
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण का फैलाव रकने की दिशा में प्रखंड क्वारंटाइन सेंटर सबसे महत्वपूर्ण रणनीति है। यदि इन सेंटर पर प्रवासी मजदूरों को नहीं रखा जाएगा तो गांवों में भी संक्रमण फैल जाएगा, जिससे गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है। इन सेंटरों में बाहर से आने वाले प्रवासियों की योजनाबद्ध जांच के कारण कोरोना के मामले ज्यादा बढ़ रहे हैंर्, ंकतु बाद में इसका सकारात्मक परिणाम सामने आएगा।