मुजफ्फरपुर। जिले में एक साथ तीन कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मचा रहा। स्वास्थ्य विभाग उनके साथ साथ सफर करने वालों की रिपोर्ट जुटा रहा है। फिलहाल जो जानकारी सामने आई उसके हिसाब से बोचहां इलाके के दो लोगों और सीतामढ़ी के एक व्यक्ति ने इनके साथ सफर किया था। उनकी पहचान की जा रही है।
542 नमूनों की रिपोर्ट आई
इधर, बेला क्वारंटाइन सेंटर पर रहने वाले सभी 87 लोगों के नमूने संग्र्रहित किए गए। इस बीच शनिवार को सदर अस्पताल में 252 व एसकेएमसीएच में 53 लोगों के नमूने संग्रहित किए गए। पूरे जिले में 542 नमूनों की रिपोर्ट आई, जिसमें तीन पॉजिटिव मिले हैं। इधर चंदवारा आजाद रोड इलाके में रांची व दिल्ली से बड़ी संख्या में लोग आए हैं। इसकी जानकारी जिला प्रतिरक्षण कार्यालय में दी गई है। उधर, सादपुरा इलाके में सर्वे टीम ने वहां छूटे इलाके में जाकर जिला नोडल पदाधिकारी डॉ.शंभू कुमार की देखरेख में यूनिसेफ, केयर इंडिया, यूएनडीपी व पोलियो टोली के साथ हर घर सर्वे किया। वहां पहले दिन विरोध से सर्वे नहीं हो पाया था।
सिविल सर्जन ने चिकित्सकों को किया अलर्ट
सिविल सर्जन डॉ.एसपी सिंह ने आननफानन में चिकित्सकों के साथ बैठक की। जिला कंट्रोल रूम प्रभारी डॉ.सीके दास व कोविड केयर सेंटर के प्रभारी डॉ.एसके पांडेय से मरीजों की केस स्टडी ली। एसीएमओ डॉ.विनय कुमार शर्मा, जिला वेक्टर जनित रोग प्रभारी डॉ.सतीश कुमार के साथ पूरी स्थिति पर चर्चा की। साथ ही पूरे जिले के पीएचसी को अलर्ट किया गया। जहां क्वारंटाइन सेंटर चल रहे हैं वहां से प्रतिदिन कम से कम 20 नमूने संग्रहित किए जाएंगे। इनकी रैंडम जांच की जाएगी।
व्यवस्था को लेकर उठाए सवाल
बेला क्वारंटाइन सेंटर पर जांच को पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम को वहां रहने वालों ने खरी-खोटी सुनाई। शिकायत की कि एक कमरे में ही रोज-रोज आने वालों को रखा जा रहा है। शारीरिक दूरी के नियम का पालन नहीं हो रहा है। शौचालय भी साफ नहीं होता है। सही तरह से स्क्रीनिंग भी नहीं हो रही है। सीएस ने बताया कि अभी उनके पास कोई लिखित शिकायत नहीं है। समस्या के निदान की पहल प्रशासन से मिलकर की जाएगी।
इस बारे में सिविल सर्जन डॉ.एसपी सिंह ने कहा कि पॉजिटिव मरीजों के साथ जिन लोगों ने सफर किया है उनकी पहचान की जाएगी। क्वारंटाइन सेंटर पर रहने वाले सभी लोगों की जांच की जाएगी।
अब तक ये कदम उठाए गए
– पॉजिटिव केस की सूचना मिलने के बाद मेडिकल टीम क्वारंटाइन कैंप पहुंची।
– मुशहरी पीएचसी पहुंचकर जिला कंट्रोल रूम प्रभारी ने पड़ताल की।
– कोविड सेंटर पर चिकित्सक की देखरेख में पॉजिटिव मरीजों का इलाज शुरू किया गया।
नहीं होती रैंडम जांच तो पकड़ में नहींं आते कोरोना पॉजिटिव
ट्रेन से आने वालों की केवल स्क्रीनिंग करके उनको होम क्वारंटाइन या फिर क्वारंटाइन सेंटर पर भेजा जा रहा था। इसी बीच तीन दिन पहले प्रधान सचिव संजय कुमार ने सिविल सर्जन से कहा कि क्वारंटाइन सेंटर पर रहने वाले जो भी रेड जोन से आएं हैं उनका रैंडम लैब टेस्ट कराया जाए। इस पर सिविल सर्जन ने बिना विलंब किए टीम बनाकर जांच शुरू कराई। सीएस का यह कदम कुछ पीएचसी प्रभारी को नागवार भी गुजरा। लेकिन, जब सख्ती हुई तो मीनापुर व मुशहरी से नमूने संग्रहित हुए। शनिवार को जब मुशहरी इलाके से आए नमूनों में तीन की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली तो सभी अधिकारी सहम गए। खुद सीएस ने समीक्षा में कहा कि अगर रैंडम टेस्ट नहीं होता तो भयावह हालात हो सकते थे। इसलिए अब युद्ध स्तर पर नमूने संग्रहित किए जाएंगे।