पटना। बिहार में लागू श्रम कानूनों की बंदिशों से कल-कारखानों एवं मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों को जल्द राहत मिलने की उम्मीद है। प्रदेश में लागू श्रम अधिनियमों में से ज्यादातर केंद्रीय अधिनियम हैं। श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि श्रम कानूनों में सुधार पर विचार हो रहा है। अगर ऐसा होता है तो उद्योगों में काम के घंटे बढ़ाए जा सकेंगे। साथ ही उद्योग अन्य सुविधाजनक बदलाव भी कर सकते हैं।
केंद्र सरकार जैसे ही श्रम कानूनों के संबंध में कोई निर्णय लेगी, उसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की सहमति से बिहार में भी प्रभावी किया जाएगा।
उद्योगों को पटरी पर लाने के लिए सरकार गंभीर
श्रम संसाधन मंत्री ने बताया कि कोरोना संकट से लडख़ड़ाए कल-कारखानों समेत अन्य उद्योगों को पटरी पर लाने के प्रति सरकार गंभीर है। प्रदेश के सभी कारखानों और मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों को श्रम अधिनियमों के तीन से चार साल की तक अस्थायी छूट देने पर विचार किया जा रहा है। यह छूट कुछ शर्तों के साथ दी गई है। इसके लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जा सकता है।
उद्योगों को श्रम कानूनों के प्रावधानों से मिलेगी छूट
श्रम संसाधन मंत्री ने बताया कि श्रम कानूनों के प्रावधानों से छूट मिलने पर उद्योग काम के घंटे बढ़ा सकेंगे। साथ ही उसमें अपनी सुविधानुसार बदलाव भी कर सकेंगे। उद्योग और कारखाने के मालिक श्रमिकों व कामगारों को अपनी जरूरतों के अनुसार नियोजित भी कर सकेंगे।
लॉकडाउन के कारण राज्य के उद्योग-धंधे बुरी तरह प्रभावित
विदित हो कि बिहार में 36 श्रम अधिनियम प्रभावी हैं। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जारी लॉकडाउन के कारण राज्य के उद्योग-धंधे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इस आर्थिक संकट से निबटने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है। श्रम कानूनों की बंदिशों से छूट इसी की एक कड़ी मानी जा रही है।