रांची. रांची विश्वविद्यालय (Ranchi University) से चौंकाने वाला मामला सामने आया है. रिटायर्ड शिक्षकों (Retired Teachers) को कार्यरत दिखाकर सातवें वेतनमान (7th Pay Scale) फिक्स कर राज्य सरकार से वेतन और एरियर के मद में लाखों रुपये ले लिये गये. जबकि ये शिक्षक सातवां वेतनमान लागू होने की तिथि एक जनवरी 2016 से पहले ही रिटायर हो गये. और फिलहाल पेंशन ले रहे हैं. लेकिन रांची यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इनका वेतन फिक्स कर उच्च शिक्षा निदेशालय से वेतन एवं एरियर संबंधी मंजूरी ले ली. अब जबकि मामला सामने आया है, तो यूनिवर्सिटी प्रशासन से लेकर उच्च शिक्षा निदेशालय तक में हड़कंप मचा हुआ है.रांची यूनिवर्सिटी में अबतक ऐसे चार मामले सामने आये हैं. इनमें से दो मामले तब पकड़ में आए, जब शिक्षकों को एरियर भुगतान करने की बारी आई. तब पता चला कि दोनों शिक्षक 2016 से पहले ही रिटायर हो चुके हैं. इसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इनके भुगतान को रोक दिया. और मामले की छानबीन शुरू कर दी. आशंका है कि जांच के बाद ऐसे कई मामले उजागर हो सकते हैं.
जिन शिक्षकों के नाम पर गड़बड़ी हुई है, उनमें केओ कॉलेज, गुमला में भूगोल विभाग के शिक्षक डॉ अंतु सेठ और डोरंडा कॉलेज, रांची के दर्शनशास्त्र विभाग की शिक्षिका डॉ मंजू मिश्रा शामिल हैं. डॉ सेठ 31 जुलाई 2012 को रिटायट हो चुके हैं. वहीं डॉ मंजू ने 2015 में वॉलेंटियरी रिटायरमेंट ले ली.यूनिवर्सिटी के शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन भुगतान में देरी न हो, इसके लिए राज्य सरकार ने वेतनमान फिक्स करने की जिम्मेदारी अब यूनिवर्सिटी को ही दे रखी है. यानि इसमें सरकार को कोई हस्तक्षेप नहीं होता. यूनिवर्सिटी के द्वारा भेजे गये प्रस्ताव ही मान्य होते हैं. यूनिवर्सिटी के प्रस्ताव पर फाइनल मुहर सरकार लगाती है.