रांची. झारखंड मेंकोरोना बंदी के इस दौर में साइबर अपराधी (Cyber Criminals) ज्यादा सक्रिय हो गये हैं. कारोबारी, ब्यूरोक्रेट्स और डॉक्टर के बाद अब प्रवासी मजूदरों (Laborers) को अपना शिकार बनाने में साइबर अपराधी जुटे हुए हैं. जानकारी के मुताबिक प्रदेश लौटने की चाह रखने वाले मजदूरों से रजिस्ट्रेशन करवाने के नाम पर ठगी की जा सकती है. लेकिन रांची प्रशासन को इसकी भनक लगते ही प्रवासी मजदूरों को सतर्क करने की कोशिश की गई है.कोरोना जैसी वैश्विक बीमारी के बीच मजदूरों की मजबूरी का फायदा उठाने में साइबर अपराधी जुट गये हैं. साइबर अपराधी प्रवासी मजदूरों को फोन या मैसेज कर उन्हें प्रदेश वापसी के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने का झांसा दे रहे हैं. इसके एवज में उनसे पैसों की मांग की जाती है. लेकिन इस बात की भनक लगते ही रांची उपायुक्त राय महिमापत रे ने मजदूरों को आगाह किया है कि वे ऐसे किसी कॉल या मैसेज को इंटरटेन न करें. और तत्काल 1950 पर कॉल कर इसके बारे जानकारी दें. डीसी ने साफ किया कि सरकार रजिस्ट्रेशन के लिए नाम पर कोई शुल्क नहीं ले रही है.सायबर अपराधियों की इस नई चाल पर रांची पुलिस भी अलर्ट हो गई है. साइबर सेल को सतर्क किया गया है. रांची सिटी एसपी सौरभ ने बताया कि साइबर ठगी के संबंध में लोगों को जागरूक किया जा रहा है. थानाप्रभारियों को निर्देश दिया गया है कि उनके इलाके में मौजूद शेल्टर होम में फंसे लोगों को भी इसके बार में सतर्क किया जाए.
बता दें कि प्रदेश वापसी के लिए विभिन्न राज्यों में फंसे सूबे के करीब 3 लाख मजदूरों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. अबतक 20 हजार प्रवासी मजदूर और छात्र राज्य लौट चुके हैं.