पटना। बुद्धा कॉलोनी थाना क्षेत्र के राजापुर मोहल्ले में रहने वाली 17 वर्षीया अंजलि ने मां की डांट से आहत होकर खुदकशी कर ली। मां ने ज्यादा टीवी देखने से मना किया तो वह गले में फांसी का फंदा लगाकर पंखे से झूल गई। घटना की जानकारी होने पर घर वाले उसे पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने अंजलि को मृत घोषित कर दिया। मंगलवार को पीएमसीएच ओपी प्रभारी अमित कुमार ने शव का पोस्टमॉर्टम कराकर स्वजनों को सौंप दिया।
राजापुर पेट्रोल पंप के समीप देवीस्थान के पास रहने वाले जितेंद्र चौधरी को एक बेटा व दो बेटियां हैं। अंजलि उनकी छोटी बेटी थी। जितेंद्र ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान अंजलि टीवी बहुत देखती थी, मगर उनकी पत्नी ने उसे डांटा था और पढ़ाई करने को कहा था। रविवार दोपहर वे पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ गंगा स्नान करने चले गए। लौटकर आए तो देखा कि अंजलि के कमरे का दरवाजा बंद है। किसी तरह की आहट न पाकर उन्होंने दरवाजा खोला तो अंदर पंखे की खूंटी से दुपट्टे के सहारे अंजलि का शव लटक रहा था। मौके से कोई सुसाइड नोट भी बरामद नहीं हुआ।
लॉकडाउन के दौरान आत्महत्या की चार घटनाएं
13 अप्रैल- पत्नी के वियोग में धनरुआ थानांतर्गत नीमा गांव निवासी 37 वर्षीय संजीव उर्फ छोटू ने जहर खाकर खुदकशी कर ली थी। उसकी पत्नी दो बेटियों के साथ सात वर्ष से मायके में ही रह रही है। इसके कारण संजीव मानसिक रूप से परेशान था। खुद को कमरे में बंद रखता था।14 अप्रैल-बुद्धा कॉलोनी के पहलवान घाट निवासी रोहित ने मां की मौत के बाद खुदकशी कर ली। उसके पिता व बहन ने आत्महत्या की थी। रोहित दिल्ली की नौकरी छोड़कर मां की सेवा करने पटना लौटा था। मां कैंसर से पीडि़त थी। छह माह बाद मां का निधन हो गया। इसके कारण वह तनाव में था।
20 अप्रैल-कंकड़बाग थानांतर्गत कुम्हार टोली की रहने वाली आशिया खातून ने फोन पर पति से झगडऩे के बाद गले में फंदा लगाकर खुदकशी कर ली थी। वह मायके में रह रही थी। उसकी शादी मोतिहारी के राशिद से हुई थी, जो मुंबई में काम करता था। आशिया को शक था कि उसका किसी दूसरी महिला से अवैध संबंध है।21 अप्रैल-लॉकडाउन में नौकरी चले जाने से परेशान जगदेव पथ के जानकी कुटीर अपार्टमेंट में 36 वर्षीय धनंजय कुमार ने फांसी लगाकर खुदकशी कर ली। धनंजय की पत्नी ने बताया कि लॉकडाउन के कारण पति की नौकरी चली गई। इससे वे काफी परेशान थे। उन्होंने बाथरूम में फांसी लगा ली थी। धनंजय दिल्ली की एक टेलीकॉम कंपनी में प्रोजेक्ट मैनेजर थे।