धनबाद. अगर मेहमान एक या दो दिन रहते हैं, तो उनकी मेहमाननबाजी में कोई कसर नहीं छोड़ी जाती है. लेकिन, जब मेहमान किन्हीं वजहों से 44 दिनों तक रुक जाएं, तो मेजबान परिवार की हालत क्या होगी इसका सहज ही अंदाजा लागया जा सकता है. लॉकडाउन झरिया के एक परिवार के लिए मुसीबत बन गया है. अपनी बेटी के लिये वर देखने बिहार के जमुई जिले आये 9 लोग इस परिवार के यहां फंस गये हैं. अब मेजबान परिवार के लिए अपने मेहमानों की खातिरदारी करना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में मेजबान और मेहमान दोनों जमुई भेजे जाने के लिए गुहार लगा रहे हैं.
जमुई से आए श्रवण कुमार का कहना है कि रिश्तेदारों की आवभगत कुछ दिन तक ही लोगों को आनंदित करती है. जब कोई आपके यहां लंबे समय तक ठहर जाए, तो रिश्तों में भी खटास उभरने लगती है. वे लोग लॉकडाउन में यहां ऐसे फंस गए हैं, कि न रह पा रहे हैं और न ही निकल पा रहे हैं.जमुई का यह परिवार झरिया के कुलदीप माथुर के घर बेटी के लिए वर देखने पहुंचा था, लेकिन लॉकडाउन लग जाने के कारण वापस नहीं लौट पाये. सभी 9 लोग यहीं फंसे गए. कुलदीप लॉकडाउन खत्म होने के इंतजार में रिश्तेदारों की मेहमाननबाजी में जुटे हुए हैं. अब लॉकडाउन की मियाद लगातार बढ़ती जा रही है, ऐसे में उनके सब्र का बांध टूट गया है.