धनबाद में झारखंड-बंगाल की सीमा पर सैकड़ों मजदूरों को रोक दिया गया है. ये वे मजदूर हैं, जो दूसरे राज्यों से अपने घर पश्चिम बंगाल लौट रहे हैं.
धनबाद. देशभर में कोविड-19 संक्रमण को लेकर लॉकडाउन जारी है. हालांकि इधर-उधर फंसे लोगों को अपने-अपने राज्य लौटने की अनुमति दे दी गई है. लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार प्रवासी मजदूरों को अपने राज्य में घुसने नहीं दे रही है. 30 दिन तक लॉकडाउन में गुजरात में फंसे रहने के बाद अपने खर्च पर बस से पहुंचे लोगों को बंगाल में जाने की अनुमति नहीं मिल रही है.झारखंड- बंगाल की सीमा पर सैकड़ों मजदूरों को रोक दिया गया. ये वे मजदूर हैं, जो दूसरे राज्यों से अपने घर पश्चिम बंगाल लौट रहे हैं. लेकिन अपने राज्य की सीमा पर आकर इन्हें अपने प्रदेश में घुसने का परमिशन नहीं दिया जा रहा है. इस मामले पर बंगाल सरकार की ओर से कोई पहल भी नहीं हो रही है, जबकि झारखंड सरकार के अधिकारी बंगाल के अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं. बावजूद इसके बंगाल से कोई ठोस जवाब नहीं मिल रहा है. ऐसे में ना सिर्फ मजदूर, बल्कि पर्यटकों की भी कई बसें सीमा पर फंसी हुई हैं. इनको बंगाल सरकार के आदेश का इंतजार है.महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चों के अलावे इन बसों में कई ऐसे लोग भी हैं, जो शारीरिक रूप से अस्वस्थ हैं. ये लोग ममता सरकार के इस रवैये से नाराज है और उसे कोस रहे हैं. कोलकाता से पर्यटकों की एक टोली अहमदाबाद गई थी. इस टोली को भी बॉर्डर पर यह कह रोक दिया गया है कि प्रवेश को लेकर सरकार की ओर से क्लीयरेंस नहीं है.
पर्यटकों की बस को भी नहीं मिल रही इजाजत
पर्यटकों ने बताया कि वे लोग लॉकडाउन में अहमदाबाद में फंसे गए और वहां क्वारंटाइन रहे. 38 दिन बाद वहां से अपने राज्य बंगाल जाने की अनुमति मिली. गुजरात सरकार ने बस का इंतजाम कर दिया. कई राज्यों को पार कर जब वे अपने राज्य की सीमा पर पहुंचे हैं, तो उन्हें क्लीयरेंस नहीं दी जा रही है. बंगाल सरकार को ये बताना चाहिए कि लोगों को अपना घर जाने दिया जाएगा या नहीं.