मुजफ्फरपुर। यूं तो पहली मई से ही बिहार में प्रवासी मजदूरों का आना शुरू हो गया है। लेकिन, इनको लेकर पहली ट्रेन मंगलवार की सुबह मुजफ्फरपुर पहुंची। यह ट्रेन गुजरात के साबरमती से 1200 यात्रियों को लेकर यहां पहुंची। इसमें राज्य के अन्य जिलों के प्रवासी मजदूर भी थे। ट्रेन के आने से पहले ही सुरक्षा की सख्त व्यवस्था की गई थी। आरपीएफ और जिला पुलिस बल के जवानों को यहां तैनात किया गया था। जिससे किसी तरह की परेशानी न हो। शारीरिक दूरी को बनाए रखने के लिए पूर्व से ही गोला बना दिया गया था।
मंगलवार की सुबह करीब पांच गुजरात के साबरमती से श्रमिक स्पेशल ट्रेन मुजफ्फरपुर जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या एक पर पहुंची। ट्रेन के आने की पूर्व सूचना होने के कारण रेलवे और जिला प्रशासन की आेर से सुरक्षा और जांच की पुख्ता व्यवस्था की गई थी। पांच बजे जैसे ही ट्रेन यहां पहुंची सभी बोगी के लिए निर्धारित काउंटर पर यात्रियों को बुलाया गया। वहां स्क्रीनिंग के साथ उनका पंजीयन किया गया। इसके बाद उन्हें सैनिटाइज कर संबंधित जिलों के लिए खड़ी बस में भेजा गया। यात्रियों को किसी तरह की परेशानी न हाे इसके लिए संबंधित जिलों से नोडल अधिकारी व मजिस्ट्रेट आए हुए थे। वे मुख्य द्वार के पास तख्ती के साथ खड़े थे। बस में ही यात्रियों को भोजन व पानी उपलब्ध कराया गया।
730 रुपये का किया भुगतान

गुजरात से यहां पहुंचे यात्रियों ने बताया कि उन्हें 730 रुपये का भुगतान करना पड़ा। जिसमें 715 रुपये रेलवे टिकट के लिए और 15 रुपये बतौर बस किराया देना पड़ा। यात्रियों की शिकायत थी कि उन्हें निशुल्क लाने की व्यवस्था किए जाने की बात कही गई थी, लेकिन भुगतान करना पड़ा। हालांकि इस बात के लिए उनके मन में संतोष था कि आखिरकार वे अपने प्रदेश पहुंचने में कामयाब रहे।
नहीं थी खाने की बेहतर व्यवस्था
साबरमती से मुजफ्फरपुर पहुंचे कई यात्रियों ने शिकायत की कि यात्रा के दौरान भोजन की व्यवस्था नहीं होने से उन्हें परेशानी हुई। बीच के स्टेशनों पर भी खाने-पीने की चीजें नहीं मिल रही थीं। इसलिए उनकी मुश्किलें और बढ़ गईं। हालांकि यहां उतरने के बाद जिला प्रशासन की अोर से की गई व्यवस्था से वे काफी संतुष्ट दिख रहे थे।
इस संबंध में डीएसपी पूर्वी ने बताया कि सूबे के विभिन्न जिलों के 1200 यात्री यहां पहुंचे। स्क्रीनिंग व अन्य जांच के बाद उन्हें संबंधित जिलों के लिए बस के माध्यम से भेजा गया।