कटिहार। बिहार में कटिहार स्थित क्वारंटाइन सेंटर से 20 से संदिग्ध भाग निकले हैं। बताया जाता है कि अफसरों की लापरवाही व बारिश का लाभ लेकर क्वारंटाइन किए गए प्रवासी मजदूर फारार हो गए हैं। वे सभी पश्चिम बंगाल से आए हैं। घटना की जानकारी मिलते ही ड्यूटी पर तैनात अधिकारी व कर्मचारी सकते में हैं। क्वारंटाइन सेंटर से भागे गए लोगों की खोजबीन शुरू हो गई है। अभी तक किसी का पता नहीं चला है।
बताया जाता है कि शहर के ऋषि भवन में प्रवासी मजदूरों के लिए बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर से सोमवार को 20 से अधिक प्रवासी मजदूर फरार हो गए। जानकारी के मुताबिक क्वारंटाइन सेंटर में भोजन सहित अन्य सुविधा का आरोप लगाते हुए मजदूरों ने सुबह शोर शराबा भी किया था। दोपहर 20 मजदूर मेन गेट का ताला तोड़ फरार हो गए।
जानकारी के अनुसार, क्वारंटाइन सेंटर में दिल्ली, हरियाणा सहित अन्य स्थानों से आए प्रवासी मजदूरों को रखा गया था। सूचना मिलते ही सदर एसडीओ नीरज कुमार, नगर थानाध्यक्ष रंजन कुमार सिंह मौके पर पहुंचे। प्रवासी मजदूर शनिवार को यहां रखे गए थे। एसडीओ ने कहा कि मजदूरों के भागने की जांच की जा रही है। क्वारंटाइन से भागने वाले प्रवासी मजदूर पश्चिम बंगाल के थे। जिले के प्रवासी मजदूर क्वारंटाइन सेंटर में मौजूद हैं।
उन्होंने बताया कि अन्य स्थानों के प्रवासी मजदूरों को उनके जिले या राज्य भेजा जाना है। प्रवासी मजदूर के पहुंचने पर स्थानीय लोगों ने स्थानीय प्रशासन को सूचित करते हुए क्वारंटाइन सेंटर में आवासित करा दिया। इनमें बंगाल के मजदूर भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि क्वारंटाइन सेंटर से मजदूर के भागने के मामले की जांच कराई जाएगी। दोषी पाए जाने पर संबंधित के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।
लोगों की मानें तो कटिहार नगर निगम के क्षेत्र में एक सेंटर पर 80 से अधिक लोग क्वारंटाइन किए गए थे। सुबह कटिहार का मौसम काफी खराब हो गया था। झमाझम बारिश भी हुई। मौसम खराब होने और तेज बारिश की वजह से क्वारंटाइन सेंटर पर तैनात अधिकारी व कर्मचारी थोड़ा सुस्त पड़ गए। वहीं भोजन को लेकर भी मजदूरों ने हंगामा किया था। इसके बाद मौका पाकर 20 से अधिक प्रवासी मजदूर भाग निकले। वाकये की जानकारी मिलते ही कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक सकते में आ गए हैं। बहरहाल, क्वारंटाइन सेंटर से भागे गए लोगों की पहचान की जा रही है। उनलोगों की खोजबीन शुरू हो गई है। जब तक भागे गये लोगों को पकड़ नहीं लिया जाता है, तब तक स्थानीय लोग सहमे हुए हैं।