पटना। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वर्ष 2016 की नोटबंदी योजना के कथित दुरुपयोग से संबंधित धन शोधन के एक मामले में पटना की एक विशेष अदालत में नया अनुपूरक आरोप पत्र दाखिल किया है। साथ ही मामले में आठ करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त करने की मांग की है।
पहले से दायर मामले की जांच में कुछ नए तथ्य सामने आने के बाद जांच एजेंसी ने इसी सप्ताह यह कार्रवाई की है। अनुपूरक आरोप पत्र में मुंबई की कंपनी वी एस हेल्थकेयर मुंबई के राजन एस शाह और 11 अन्य लोगों को नामजद किया गया है। आरोप पत्र में आरोपियों की आठ करोड़ रुपये से अधिक कीमत की जन संपत्तियों की कुर्की की पुष्टि किए जाने की मांग की है, जिनमें एक कारखाना और एक कार्यालय परिसर भी शामि है।
ईडी ने शुरुआत में धन शोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के आपराधिक प्रावधान के तहत गया स्थित कारोबारी और एमटीआई कॉटन मिल्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रवर्तक मोतीलाल और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। जांच एजेंसी उनके खिलाफ आरोप पत्र पहले ही सौंप चुकी है और वह इस समय न्यायिक हिरासत में है। इस व्यापारी पर आरोप है कि उसने नोटबंदी के बाद बैंक ऑफ इंडिया की गया, जिले में जीबी रोड शाखा के साथ मिलीभगत करके गैर कानून धन की हेराफेरी की। आरोपियों ने विभिन्न बैंक खातों में 44.79 करोड़ रुपये की अवैध नकदी जमा की। इस रकम को कुछ और फर्मों के साथ मिल मिली भगत से इधर-उधर किया गया।