रांची, कोरोना संक्रमण को बढऩे से रोकने के प्रयासों के बीच गुरुवार को सरकार के नीतिगत फैसलों पर नाराजगी जताकर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता अकेले पड़ गए हैैं। कांग्रेस कोटे के अन्य मंत्रियों ने जहां इससे पल्ला झाड़ते हुए तमाम निर्णयों को मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार बताया है वहीं संगठन ने भी इसपर नाराजगी जताई है। गौरतलब है कि गुरुवार को ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और कृषि मंत्री बादल पत्रलेख मुख्यमंत्री से मुलाकात करने प्रोजेक्ट भवन पहुंचे थे। मुख्यमंत्री की व्यस्तता के कारण मुलाकात नहीं हो पाई। इसे लेकर चर्चा बढ़ गई हैं।
क्या कहा था बन्ना गुप्ता ने
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने प्रोजेक्ट भवन में संवाददाताओं से कहा कि मुख्यमंत्री से चार मुद्दों पर चर्चा करने के लिए गए थे लेकिन बात नहीं हो सकी। इसमें सबसे अहम मुद्दा था राज्य में पुलिस अधीक्षकों का तबादला। इसके अलावा 5 करोड़ तक खर्च करने का अधिकार सचिवों को और सभी अभियंत्रण विभागों को मर्ज करने के पूर्व सरकार के फैसले पर हमारी आपत्ति है, इस पर चर्चा करनी थी। छात्रों और मजदूरों को लाने का मुद्दा भी हमारी चर्चा में शामिल होता।