पटना। गृह मंत्रालय के आदेश के बाद पुलिस ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। छात्रों के साथ प्रवासी मजदूरों और अन्य लोगों के बड़ी तादाद में बिहार आने के संभावना है। फील्ड में तैनात ऊपर से नीचे तक के पुलिस को अफसरों को इसके लिए तैयार रहने को कहा गया है। डीजीपी गुप्तेश्वर पाणडेय ने दूसरे राज्यों से लगी सीमाओं के अलावा क्वारंटाइन सेंटरों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के आदेश दिए हैं।
सीमा पर होगी हर आनेवाले की चेकिंग
गृह मंत्रालय ने बुधवार को मजदूरों, छात्रों और अन्य ऐसे लोग जो लॉकडाउन की वजह से कहीं फंसे हैं, उन्हें घर जाने की इजाजत दे दी है। राज्यों को इनके आने -जाने के लिए इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं। कुछ शर्तों का पालन करते हुए ये लोग अपने राज्य और घरों तक जा सकते हैं। इस आदेश के बाद विभिन्न राज्यों में फंसे मजदूरों और छात्रों के बड़ी तादाद में पहुंचने की संभावना को देखते हुए राज्य की सीमा पर सघन र्चेंकग के आदेश दिए गए हैं। सरकार के अन्य विभागों द्वारा वहां कैंप लगाने की बात है जहां हर एक व्यक्ति की स्क्र्रींनग की जाएगी। इसके बाद ही उन्हें आगे जाने की इजाजत मिलेगी। ऐसे में राज्य में आनेवाले सभी प्रमुख मार्गों पर पुलिस का कड़ा पहरा होगा। कोई बगैर जांच के प्रवेश न करें इसके लिए पुलिस को चौकस रहने को कहा गया है।
उम्रदराज व बीमार को संवेदनशील ड्यूटी नहीं
कोरोना के कहर के बीच कई राज्यों ने उम्रदराज पुलिसवालों से ड्यूटी नहीं लेने का फैसला किया है। पुलिस मुख्यालय के मुताबिक उम्रदराज पुलिसवालों के साथ-साथ जो शुगर, हॉर्ट, किडनी जैसी बीमारियों से जूझ रहे हैं उन्हें संवेदनशील ड्यूटी में नहीं लगाया जा रहा है। कोरोना का संक्रमण वैसे लोगों को लिए ज्यादा घातक है जो पहले से किसी गंभीर बीमारी की चपेट में हैं। इसके अलावा शुगर के मरीज के लिए भी यह खतरनाक है। बीमार पुलिसवालों के साथ ही जिनकी उम्र ज्यादा है उन्हें संवेदनशील ड्यूटी नहीं दी जा रही। उन्हें ऐसा काम दिया जा रहा जिसमें उन्हें बाहरी लोगों के संपर्क में नहीं आना पड़े। ऐसे पुलिसवालों से दफ्तर में काम लिए जा रहे हैं। एडीजी मुख्यालय जितेन्द्र कुमार ने यह जानकारी दी। बताया कि ज्यादा उम्र और बीमार पुलिसकर्मियों को लेकर पहले ही निर्देश दिए गए हैं। उनसे संवेदनशील काम नहीं लिया जा रहा है।
ब्लॉक में बने सेंटर में रहेंगे प्रवासी मजदूर
लॉक डाउन के लागू होने के बाद बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर बिहार आए थे। इन्हें गांव के पास ही सरकारी स्कूलों में क्वारंटाइन सेंटर बनाकर रखा गया था। घर के पास क्वारंटाइन सेंटर होने के चलते मजदूर नियमों का पालन सही से नहीं कर रहे थे। क्वारंटाइन सेंटर से बाहर घुमते-फिरते थे और घर भी चले जाते थे। इसे देखते हुए अब राज्य सरकार ने ब्लॉक स्तर पर क्वारंटाइन सेंटर बनाने का निर्णय लिया है। इसपर काम भी शुरू हो गया है। ब्लॉक स्तर पर बननेवाले क्वारंटाइन सेंटर के आसपास 24 घंटे पुलिस का पहरा रहेगा। पुलिस मुख्यालय ने इस बाबत जिलों के एसपी को तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। ऐसा इसलिए किया जाएगा कि कोई वहां से बाहर नहीं जा सके। क्वारंटाइन की अवधि पूरी करने के बाद ही उन्हें घर जाने की इजाजत दी जाएगी।