पटना। बिहार में कोरोना की चपेट में आने वाले लोगों की संख्या हर रोज बढ़ती जा रही है। इस महामारी ने राज्य में अब तक 422 लोगों को अपना शिकार बनाया है। इन 422 लोगों में सर्वाधिक शिकार शून्य से 40 आयु वर्ग के लोग हैं। जो लोग सबसे कम कोरोना के शिकार हुए हैं उनकी आयु 60 वर्ष से ज्यादा है। राज्य में शून्य से 40 आयु वर्ग के संक्रमितों की संख्या 324 पर पहुंच गई है।
21 मार्च से 31 मार्च के बीच 13 नए मामले
राज्य में पहली बार 21 मार्च को कोरोना संक्रमण मामला सामने आया। 22 मार्च को यह संख्या दो थी। 22 से 31 मार्च के बीच संक्रमितों की संख्या दो से बढ़कर 16 हो गई। आठ दिन में औसतन दो संक्रमित रोज मिले। इसके बाद सिर्फ अप्रैल महीने में 393 पॉजिटिव केस सामने आए।
अप्रैल में अलग-अलग ट्रेंड में दिखा कोरोना
अप्रैल महीने में एक से लेकर 30 के बीच कोरोना का अलग-अलग ट्रेंड दिखा। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बताते हैं कि 1 से 7 अप्रैल के बीच रोजाना कोरोना के दो संक्रमित मिल रहे थे। सात दिन में संक्रमितों की संख्या करीब 14 बढ़ी। 8-14 अप्रैल के बीच औसतन रोज चार नए मामले आए। 15 से 21 अप्रैल के बीच रोज मिलने वाले पॉजिटिव मामलों की संख्या रोज औसतन आठ से ज्यादा बढ़ी। जबकि 22 से 29 अप्रैल के बीच मरीजों के बढऩे की संख्या रोजाना 34 पहुंच गई।
सर्वाधिक युवा हुए कोरोना के शिकार
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार की माने तो कोरोना ने शून्य से 40 आयु वर्ग के लोगों को सर्वाधिक शिकार बनाया। अब तक इस आयु वर्ग के 324 लोग पॉजिटिव हो चुके हैं। इस कड़ी में दूसरे पायदान पर 41-50 आयु वर्ग के लोग हैं। इनकी कुल संख्या 42 है। जबकि 60 वर्ष से अधिक आयु के मात्र 20 लोग अब तक पॉजिटिव पाए गए हैं।
- 0 से 20 150
- 21 से 30 86
- 31 से 40 88
- 41 से 50 42
- 51 से 60 36
- 60 से ऊपर 20