पटना। बिहार राज्य पथ परिवहन निगम ने मजदूरों व अन्य लोगों को लाने के लिए राज्य की सीमाओं पर 100 बसों को गुरुवार की रात रवाना कर दिया। भभुआ सीमा पर दस बसें भेजी गई है। अन्य जिलों से भी सीमाओं पर बसें भेजी गई है।
अन्य राज्यों से बिहारी छात्र और मजदूर राज्य की सीमा पर पहुंचेंगे। राज्य की सीमा पर बिहार राज्य निगम की बसें मजदूर को लेने के लिए खड़ा रहेगी। राज्य सीमा से मजदूरों को लेकर बसें जिला मुख्यालय आएगी और जिला मुख्यालय से फिर मजदूरों को प्रखंड भेज जाएगा। बस यात्रा ने सामाजिक दूरी का पूरा ख्याल रखा जाएगा। परिवहन विभाग ने अन्य राज्यों से छात्रों और मजदूरों को वापस लाने के लिए त्रिस्तरीय योजना बनाई है। इसके लिए हर जिले में परिवहन कोषांग बनाया गया है। सभी जिलों के जिलाधिकारी को आदेश दिया गया कि वे अपने-अपने जिलों से मजदूरों को लाने के लिए राज्य सीमा पर बसें भेजें। मजदूरों को लाने के लिए बिहार राज्य पथ परिवहन निगम की बसों का उपयोग किया जाए।
इसके अलावा निजी बसों को भी किराया पर ले सकते हैं। इधर राज्य पथ परिवहन निगम की अपनी 350 बसें और पीपीपी मोड़ पर 250 बसें हैं। यानी निगम के पास कुल 600 बसें हैं। वहीं राज्य में निजी बसों की कुल संख्या 65 हज़ार है।
राज्य की सीमा पर प्रत्येक व्यक्ति के हाथ पर क्वारंटाइन का मुहर लगाया जाएगा। वाहन कोषांग में प्रकाश और पेयजल की व्यवस्था होगी। बस के साथ-साथ एस्कॉर्ट पार्टी भी रहेगी, ताकि यात्री रास्ते में नहीं उतर सकें। बस चालक के पास यात्रियों की पूरी सूची होगी। बसों को सेनेटाइज किया जाएगा। चालक व कंडक्टर के लिए मास्क, हैंड ग्लब्स और सैनेटाइजर की व्यवस्था होगी। वाहन कोषांग में वाहनों का लॉगबुक होगा और पर्याप्त संख्या में बड़े, मध्यम और छोटे वाहनों की उपलब्धता होगी। सीमावर्ती जिले से मेडिकल स्क्रीनिंग कर लोगों को सीधे गंतव्य जिले तक पहुंचाया जाएगा। सभी जिलों में ट्रांसपोटेशन की मॉनिटरिंग के लिए एक नोडल तथा एक सहायक नोडल पदाधिकारी होंगे। लोगों की संख्या के अनुरूप जिलावार टैग किया जाएगा।