पटना । प्रवासी मजदूरों को वापस लाने के मसले पर केंद्र सरकार ने गाइडलाइन जारी कर दी है। ऐसे में अब दूसरे राज्यों में फंसे छात्र-मजदूर व अन्य अब बिहार लौट सकते हैं। इस संभावना को देखते हुए प्रखंड स्तर पर नई व्यवस्थाओं के साथ क्वारंटाइन कैंप बनाए जाने हैं। इसे लेकर बुधवार को आपदा प्रबंधन विभाग ने अधिसूचना जारी की है। गांव में विद्यालयों के स्तर पर जो क्वारंटाइन कैंप बनाए गए हैैं, उनमें यह समस्या सबसे मुखर थी कि वहां रखे गए लोग शाम होते ही घर निकल जा रहे हैैं। ऐसे में अब प्रखंड स्तर पर जो क्वारंटाइन कैंप बनाए जा रहे हैैं, वहां लोगों को रोकने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं।
सीसीटीवी लगाए जाने से क्वारंटाइन कैंप के एक-एक हिस्से पर नजर रखी जाएगी। प्रखंड स्तर पर बनने वाले क्वारंटाइन सेंटर की देख-रेख के लिए एक अधिकारी को उसका प्रभारी बनाया जाएगा। कैंप के प्रभारी प्रखंड स्तरीय पर्यवेक्षीय पदाधिकारी या फिर उनके समकक्ष स्तर के कोई अधिकारी होंगे।
प्रखंड स्तर पर बनने वाले क्वारंटाइन सेंटर पर कोई बाहरी व्यक्ति नहीं पहुंचे, इसके लिए बैरिकेडिंग की जाएगी। प्रत्येक केंद्र पर 24 घंटे एक नियंत्रण कक्ष काम करेगा। बाहर से पहुंचे प्रवासी कामगार को वहां पहले अपना निबंधन कराना है। निबंधन केंद्र पर ही सभी लोगों को मास्क उपलब्ध करा दिया जाएगा।
गांव स्तर पर विद्यालयों में जो क्वारंटाइन सेंटर काम कर रहे थे वहां बिजली-पानी की व्यवस्था के बारे में शिकायतें मिल रहीं थी। इसलिए अब नयी व्यवस्था के तहत लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग एवं बिजली कंपनी की देखरेख में प्रखंड स्तर पर बनने वाले क्वारंटाइन केंद्रों पर पानी व बिजली की व्यवस्था की जाएगी। चिकित्सा की व्यवस्था प्रखंड स्थित प्राइमरी हेल्थ सेंटर के माध्यम से होगी। यह भी व्यवस्था की गयी है कि क्वारंटाइन केंद्रों पर माइक की व्यवस्था रहेगी जिसके माध्यम से वहां रह रहे लोगों को आवश्यक निर्देश दिए जाएंगे।