काेराेना की चेन ताेड़ने के लिए पूरे देश में लाॅकडाउन है। लेकिन कुछ लाेगाें की लापरवाही और गलतियाें से यह चेन टूटने की बजाय जुड़ती ही जा रही है। रांची में लाेगाें की लापरवाही से काेराेना का संक्रमण और बढ़ने का खतरा पैदा हाे गया है। लोग सुबह सब्जी खरीदारी के दौरान सोशल डिस्टेंस को मैटेंन करने से कतरा रहे हैं। वहीं, अब पुलिस सोश डिस्टेंस का पालन करवाने के लिए सख्ती बरत रही है। अब तक रांची में 43 कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान हो चुकी है।
वहीं, रांची में दो मरीजों द्वारा दो लापरवाही सामने आई है। पहली लापरवाही 20 अप्रैल काे प्रसव के लिए रिम्स पहुंची हिंदपीढ़ी की महिला ने की। परिजनाें ने हिंदपीढ़ी का पता छिपाकर उसे बुंडू का बताया और महिला काे गायनी वार्ड में भर्ती करा दिया। रिम्स के गायनी विभाग के डाॅक्टर और नर्साें ने बिना पीपीई किट के ही उस महिला की डिलीवरी कराई। अगले ही दिन उसकी रिपाेर्ट काेराेना पाॅजिटिव आई। अब डाॅक्टर-नर्स और स्वास्थ्यकर्मी सहित 20 लाेग संदेह के घेरे में आ गए।
दूसरी लापरवाही कांटाटाेली के नेताजी नगर में एक पैथाेलाॅजी लैब के संचालक ने बरती और पूरे क्षेत्र काे खतरे में डाल दिया। वह व्यक्ति झाड़ग्राम से आया था। उसके बाद मकान मालिक ने उसे घर में घुसने से राेक दिया। वह लैब में ही रह रहा था और चाेरी-छिपे लैब चला रहा था। लगातार जांच कर रहा था। इतना ही नहीं, उसने हिंदपीढ़ी जाकर भी कई लाेगाें का सैंपल लिया था। वह काेकर के दवा दुकान से लगातार संपर्क में था और टिफिन सर्विस से खाना ले रहा था। लाेगाें के हंगामा करने पर पुलिस ने लैब बंद कराया और उसका सैंपल जांच के लिए भेजा था। शनिवार काे आई रिपाेर्ट में वह पाॅजिटिव मिला।