बिहार में कोरोना पीड़ितों की मौत की दर कई बड़े व छोटे राज्यों से कम है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बिहार में कोरोना मरीजों की मौत की दर 1.30 फीसदी है। वहीं, गुजरात में 4.26 फीसदी, राजस्थान में 1.37 फीसदी, मध्यप्रदेश में 4.48 फीसदी, महाराष्ट्र में 4.40 फीसदी और झारखंड में 5.56 फीसदी है।
स्वास्थ्य विभाग के सचिव मनोज कुमार के अनुसार कोरोना के मरीजों के इलाज को लेकर हरसंभव बेहतर व्यवस्था की जा रही है। विभाग के अधिकारी मरीजों की पहचान, उनके इलाज और ठीक होकर घर लौटने तक पूरी व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार बिहार में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के बावजूद अभी यहां इनके ठीक होने की दर 30 फीसदी है। वहीं, गुजरात में 9.83 फीसदी, राजस्थान में 11.71 फीसदी, मध्यप्रदेश में 11.94 फीसदी, महाराष्ट्र में 13.06, झारखंड में 15.09 व पंजाब में 23.46 फीसदी है।
बिहार में आइसोलेशन और क्वारंटाइन का दिख रहा असर
विभागीय सूत्रों की मानें तो बिहार में लॉकडाउन के बीच बड़ी संख्या में लोगों को क्वारंटाइन और आइसोलेशन में रखे जाने का भी असर दिख रहा है। लॉकडाउन के दौरान पीड़ितों के संपर्क में आने से जो खुद को नहीं बचा सके और सतर्कता नहीं बरती, वही बड़ी कोरोना से पीड़ित हुए हैं। डॉ. अजय सिंह, नोडल ऑफिसर, कोरोना, एनएमसीएच, पटना का कहना है कि बिहार में कोरोना पीड़ितों की मौत की दर को नियंत्रित होने के पीछे अधिकतर पीड़ितों के प्रारम्भिक चरण में ही इलाज की सुविधा उपलब्ध होना है। बिहार में युवाओं की बड़ी संख्या में कोरोना की चपेट में आना, उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होना और सरकार के अन्य प्रयासों का भी इस पर असर है।