जनता कर्फ़्यू से एक दिन पूर्व काशीवासी जान चुके थे कि चीन से निकलकर कोरोना वायरस उनकी धरती पर कदम रख दिया है। 21 मार्च को फूलपुर निवासी युवक की रिपोर्ट कोरोना वायरस पॉजिटिव निकल चुकी थी। हालांकि इस संकट से निबटने को पुलिस-प्रशासनिक महकमा गुपचुप तरीके से तैयारियों में जुटे थे। बनारस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है। देश-विदेश के हजारों पर्यटकों का यहां रोज आवागमन होता है। कोरोना के भारत में केस आने शुरू हुए तो 20 मार्च को पीएम ने 22 को जनता कर्फ़्यू का एलान किया। 23 की शाम तक बढ़ा जनता कर्फ़्यू अगले दिन से 14 अप्रैल तक के लिए लॉकडाउन में बदल जाएगा। हालात गंभीर हुए तो अवधि तीन मई तक बढ़ा दी गई। आपदा की इस घड़ी में भोजन-दवा हर दरवाजे तक पहुंचाना पुलिस- प्रशासन के लिए चुनौती साबित हुआ। लॉकडाउन में हर दिन नई चुनौतियां सामने आती रही और काशीवासियों की मदद से अधिकारी हर चुनौतियों के चक्रव्यूह को तोड़ते गए।
आटा-आलू का खेल, डीएम-कप्तान ने किया फेल
लॉकडाउन के बाद बाजार में सेब से महंगा आलू बिकने लगा। आटा के दाम भी आसमान छूने लगे। जिलाधिकारी ने तत्काल आटा फ्लोर मिल संचालकों के साथ बैठक कर उपलब्धता सुनिश्चित कराई। कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ एक्शन लेने को डीएम और एसएसपी ग्राहक बनकर दुकानों पर पहुंच गए और फिर क्या। कई दुकानदार हवालात पहुंच गए तो अगले दिन से हर वस्तु का मूल्य सामान्य हो गया।
हर हाथ तक मिला राशन
जिले में पांच लाख 94241 कार्डधारक हैं। हजारों की संख्या में ऐसे भी थे जिनके पास कार्ड नहीं था। उनके लिए पूर्ति विभाग संकटमोचक के रूप में सामने आया। एक फार्म भरवाकर संबंधित कोटेदार को राशन देने के साथ ही कार्ड बनवाने का निर्देश दिया गया। लगभग 42 हजार गरीब, असहाय को राशन किट वितरित किया जा चुका है।
कोई नहीं रहा भूखा
माता अन्नपूर्णा की नगरी काशी में कोई भूखा पेट नहीं सोता। सामाजिक संगठनों, मठ, आश्रम से लेकर तमाम समृद्ध नागरिकों ने अपने भंडार के दरवाजे खोल दिए। जिला प्रशासन ने वीडिए के साथ सभी सामाजिक, स्वयंसेवी संस्थाओं को जोड़ा। वे भोजन का पैकेट वीडीए तक पहुंचाते और वहां से भोजन का पैकेट पहुंचता हर थाने। थाने के जरिए भोजन हर गली-मोहल्ले में जरूरतमंद तक पहुंचा।
दवा की होम डिलीवरी
जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर शहर व ग्रामीण क्षेत्रों के लिए मोबाइल वार्ड क्लीनिक के संचालन के साथ ही दवा की होम डिलीवरी सुनिश्चित कराई। मोबाइल वार्ड क्लीनिक के जरिए अब तक डेढ़ लाख लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें दवा उपलब्ध कराई जा चुकी है।
तब्लीगियों तक पहुंचे कानून के हाथ
पुलिस के पास जानकारी थी कि दिल्ली में वाराणसी से जुड़े 11 जमाजी क्वारंटाइन किए गए हैं। कइयों के नाम-पते गलत थे। इस बीच जमात से जुड़े एक शख्स की पहचान हुई। उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। पुलिस ने सर्विलांस की मदद से अन्य की खोजबीन शुरू की। 27 से अधिक तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों की पहचान हुई जिन्हें क्वारंटाइन किया गया। जांच में अब तक मदनपुरा, नक्खीघाट, पांडेय हवेली से जुड़े 10 से अधिक जमाती पॉजिटिव पाए जा चुके हैं। जहां पर भी कोरोना पाजिटिव मिले, उस इलाके को हॉटस्पाट के साथ बफर जोन में तब्दील कर सभी की थर्मल स्कैनिंग कराई।
छह हजार कंधे, 40 लाख की जिम्मेदारी
महज छह हजार पुलिसकर्मियों ने लगभग 40 लाख जनता की सुरक्षा में महती भूमिका निभाई। लॉकडाउन उल्लंघन में 24 मार्च से लेकर 23 अप्रैल तक पुलिस ने 592 लोगों के खिलाफ मुकदमा लिखा। 1232 के खिलाफ धारा 188 व धारा 151 में 700 के खिलाफ कार्रवाई की। 38 हजार 334 वाहनों का चालान किया तो 757 वाहन सीज कर दिए।
31398 गैर पंजीकृत, निराश्रितों के खाते में पहुंचा गई रकम
श्रम विभाग, आटो, रिक्शा चालक, कारोबारी संघ, नगर निगम व ग्रामीण क्षेत्र में विकासखंड की मदद से जिले में 31 हजार 398 निराश्रित, दिहाड़ी मजदूरों की पहचान कर डीबीटी के माध्यम से प्रत्येक के खाते में एक-एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी गई। अब तक तीन करोड़ 13 लाख 98 हजार रुपये भेजे जा चुके हैं।
तीर्थयात्रियों की मदद, फंसे लोगों को राहत
दक्षिण भारत के एक हजार से अधिक तीर्थ यात्रियों को भोजन-पानी के साथ उनके घर तक पहुंचाया। कोटा से आए छात्रों को उनके घर पहुंचाने तक का इंतजाम किया गया।