कोरोना वायरस महामारी के बीच प्रशांत किशोर को लेकर बिहार में राजनीतिक बयानबाजी और आरोपों का दौर शुरू हो गया है। एक मीडिया रिपोर्ट के हवाले से दावा किया जा रहा है कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर कार्गो प्लेन के जरिए दिल्ली से पश्चिम बंगाल पहुंचे हैं। इसी रिपोर्ट के हवाले से अब बीजेपी और जेडीयू ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और प्रशांत किशोर को निशाने पर लिया है। इनका आरोप है कि महामारी को संभाल पाने में विफल रहने के बाद ममता बनर्जी ने मेकओवर के लिए पीके को लॉकडाउन के बीच कोलकाता बुलवाया है।
बिहार बीजेपी के प्रवक्ता डॉ निखिल आनंद ने कहा कि पश्चिम बंगाल कोरोना के खिलाफ लड़ाई में पूरी तरह असफल रहा है। कोरोना के मद में केंद्र से मिले सहयोग का पश्चिम बंगाल सरकार उपयोग भी नहीं कर पा रही है और इस कारण भद पीट रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार के स्वास्थ्यकर्मियों, शासन, प्रशासन और पुलिस पर भरोसा न करना उनका अपमान है।
प्रवक्त आनंद ने बंगाल की मुख्यमंत्री से पूछा कि ममता दीदी प्रशांत किशोर किस चीज के एक्सपर्ट हैं कि आपने उन्हें कार्गो प्लेन के जरिए दिल्ली से कोलकाता बुलवाया है। उन्होंने कहा कि के ये वक्त मेडिकल एक्सपर्ट, शासन-प्रशासन से विशेषज्ञ लोगों को कमान देने का है, झुठा इमेज मेकओवर का नहीं।
जेडीयू बोली- दूसरा कोरोना
दूसरी तरफ जेडीयू के प्रवक्ता अजय आलोक ने मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘एक से एक दुर्लभ मूर्ख इस पृथ्वी पर उपलब्ध हैं। हे मां आपदा-विपदा में डॉक्टर, नर्स, पारामेडिकल, मास्क, सेनेटाइजर, वेंटिलेटर और अन्य समान कार्गो विमान से मंगवाते हैं और दीदी ने इतना भारी समान मंगवाया। चेहरा चमकाना हैं तो पार्लर जाइए लेकिन वो भी बंद हैं। शायद इसीलिए दूसरा कोरोना।’
गृह मंत्रालय ने तलब किया था जवाब
लॉकडाउन पर केंद्र सरकार की गाइड लाइंस का पालन नहीं करने के लिए गृह मंत्रालय पहले ही ममता बनर्जी सरकार से जवाब तलब कर चुका है। इसके साथ कोरोना के नियंत्रण के लिए उचित कदम नहीं उठाने को लेकर भी पश्चिम बंगाल सरकार पर सवाल उठ चुके हैं। इसी कारण केंद्र सरकार ने इंटर-मिनिस्ट्रियल सेंट्रल टीम्स (IMCT) को बंगाल भेजा है। पहले तो ममता बनर्जी ने गृह मंत्रालय के फैसले का विरोध किया लेकिन बाद में सहयोग की बात भी कही।
पश्चिम बंगाल सरकार पर लगे कई आरोप
वहीं कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि पश्चिम बंगाल सरकार पर्याप्त मात्रा में लोगों की कोरोना टेस्टिंग नहीं कर रही है। साथ ही साथ लॉकडाउन का सख्ती से पालन भी नहीं कराया जा रहा है। हेल्थ मिनिस्ट्री ने पश्चिम बंगाल में कोलकाता और पूर्वी मिदनापुर सहित कई शहरों को कोरोना के लिहाज से संवेदनशील माना था। इन तमाम बातों के बाद ममता सरकार पर सवाल उठ रहे थे। बीजेपी और जेडीयू का कहना है कि इन्हीं सब आरोपों से खराब हुई छवि को सुधारने के लिए ममता बनर्जी ने प्रशांत किशोर को बुलवाया है।