रांची: राजधानी रांची में हिंदपीढ़ी व बेड़ों में कुल 26 कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान हो चुकी है। इनमें से सबसे ज्यादा मरीज 25 हिंदपीढ़ी से हैं। वहीं, रांची में पूरे राज्यभर से ज्यादा मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई है। पिछले 12 दिन बाद मंगलवार को पूरे झारखंड में एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं मिला। इधर, राजधानी रांची में लॉकडाउन के दौरान सोशल डिस्टेंस का पालन करने से लोग कतरा रहे हैं। बुधवार की सुबह रांची समेत आसपास के क्षेत्रों में सब्जी खरीदारी के दौरान लोगों की काफी भीड़ उमड़ पड़ी। वहीं, पुलिस-प्रशासन लगातार लाेगों से अपील कर रही है कि बिना जरूरी काम लोग घरों से बाहर ना निकले। इधर, हिंदपीढ़ी व बेड़ों में पुलिस-प्रशासन सख्ती से लॉकडाउन का पालन करवा रही है।
वहीं, पूरे प्रदेश में बुधवार को भाजपा के विधायक, सांसद, जिलाअध्यक्ष उपवास पर बैठे हैं। उनका कहना है कि झारखंड सरकार में कोरोना से लड़ने में इच्छा शक्ति की कमी की वजह से विरोध स्वरूप उपवास पर बैठे हैं। रांची विधायक सीपी सिंह ने कहा- झारखंड सरकार कोई ऐसा काम नहीं कर रही, जिससे आम लोगों को राहत मिले। कोटा में फंसे छात्रों को लाने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा। झारखंड सरकार केवल यह साबित करना चाहती है कि वो केंद्र से बात कर रही है। बात नहीं काम कीजिए। मजदूरों के खाते में पैसे नहीं डाल रही है। लॉकडाउन की वजह से अपने ही घरों पर उपवास का निर्णय लिया है। इधर, रांची नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा भी एक दिवसीय उपवास पर अपने आवास पर बैठीं।