प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तब्लीगी जमात के मुखिया मौलाना साद कांधलवी पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। अधिकारियों ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी। इस कार्रवाई के बाद अब मौलाना साद की मुश्किलें बढ़ना तय माना जा रहा है।
गौरतलब है कि दिल्ली के निजामुद्दीन के तब्लीगी जमात के मरकज में मार्च के मध्य में एक बड़ा धार्मिक आयोजन हुआ था, जो बाद में कोरोना वायरस का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट बना।
अधिकारी ने कहा कि दिल्ली पुलिस की प्राथमिकी के आधार पर एजेंसी द्वारा प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दायर की गई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मौलाना पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक आपराधिक मामला दायर किया गया है।
वहीं, दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने 31 मार्च को निजामुद्दीन पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस अधिकारी की एक शिकायत पर सात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसमें तब्लीगी जमात के अनुयायियों पर आरोप था कि उन्होंने बड़ी सभाओं को आयोजित नहीं करने वाले आदेश का उल्लंघन किया।
इससे पहले, दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने तब्लीगी जमात के मुखिया मौलाना साद कांधलवी व अन्य मौलानाओं के खिलाफ दर्ज एफआईआर में गैर इरादतन हत्या की धारा भी जोड़ दी है। ऐसे में मौलाना साद समेत सभी आरोपियों को अग्रिम जमानत लेना मुश्किल हो जाएगा।
अपराध शाखा ने मौलाना साद समेत 17 लोगों को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस भेजा था। इनमें से मौलाना साद समेत 11 ने खुद को क्वारंटाइन बताया था। हालांकि मौलाना साद का क्वारंटाइन खत्म हो गया है। ऐसे में अब उसकी गिरफ्तारी का प्रयास किया जाएगा।
जमातियों पर की गई है देशभर में कार्रवाई
निजामुद्दीन मरकज में आयोजित कार्यक्रम में कम से कम 9000 जमाती शामिल हुए थे, जो बाद में देश के विभिन्न हिस्सों में प्रचार के लिए निकल गए और महामारी फैलती चली गई। दिल्ली इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। यहां पर मंगलवार तक कुल 1561 संक्रमितों में से 1080 जमाती थे।
मरकज में पुलिस कार्रवाई के दौरान ही करीब 2300 जमातियों को निकालकर क्वारंटीन किया गया था। पूरे देश में मरकज में शामिल रहे जमातियों की पहचान करने का अभियान चलाया गया, जिसके तहत विभिन्न राज्य सरकारों की मदद से 25,500 जमातियों और उनके संपर्क में आने वाले लोगों को क्वारंटीन किया जा चुका है।