मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री से विशेष आर्थिक मदद के साथ लॉकडाउन बढ़ाने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा है कि झाखंड एक आदिवासी-दलित बहुल क्षेत्र है। सदियों से यह कमजोर और पिछड़ा क्षेत्र रहा है। वर्तमान आपदा के दौर झारखंड को केंद्रीय मदद की और जरूरत है। उन्होंने कहा कि झारखंड में आपदा के कारण राजस्व संग्रहण काफी कम हो गया है। राज्य के पांच से सात लाख मजदूर बाहर फंसे हैं। इसलिए झारखंड के मजदूर और दूसरे राज्यों में झारखंड के फंसे मजदूर काफी परेशान है। मजदूर वर्गों पर इसका क्या असर पड़ेगा, यह स्वत: समझा जा सकता है। केंद्रीय सहयोग से ही हम भूखमरी की स्थिति से निबट सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से कहा कि जीएसटी की बकाये राशि का अविलंब भुगतान होना चाहिए। राज्य सरकार को मिले ऋण पर एक साल तक ब्याज की माफी होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड में सीसीएल, बीसीसीएल, डीवीसी, सेल समेत कई बड़े लोक उपक्रम कार्यरत है। उनके यहां राज्य सरकार का काफी पैसा बकाया है। यह मिलना चाहिए। एफआरबीएम का दर तीन फीसदी से बढ़ा कर पांच फीसदी किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि आपदा की स्थिति में नियमानुसार प्रति व्यस्क व्यक्ति प्रति दिन 60 रुपए की राशि मिलने का प्रावधान है। इसके अनुसार झारखंड को आपदा मद में मदद मिलनी चाहिए।
सीएम ने मनरेगा की कम मजदूरी दर पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि दर बढ़ने के बाद भी यह दो सौ रुपए तक नहीं पहुंचा है। उस स्थिति में प्रतिदिन 800 से एक हजार रुपए कमानेवाला मजदूर भला दो सौ रुपए प्रतिदिन पर कैसे काम करेंगे। इस पर केंद्र सरकार को विशेष ध्यान देना चाहिए और 300 रुपए करना चाहिए।
मीडिया से बातचीत करते हुए सीएम ने कहा कि धनबाद में कोरोना संक्रमण की जांच शुरू हो गई है। इटकी में भी जल्द जांच शुरू हो जाएगी।लॉकडाउन हटाने के मुद्दे पर पूछे गए सवाल पर सीएम ने कहा कि इस पर समय और परिस्थिति के अनुसार ही निर्णय लिया जाएगा। हालांकि सीएम का लब्बोलुआब यह था कि लॉकडाउन बढ़ाने के साथ राहत कार्य पर खर्च हो राशि की भरपाई के लिए केंद्र सरकार विशेष मदद करे। क्योंकि लॉकडाउन से राज्य की 40 फीसदी आबादी दबाव में है।
सीएम ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा 300 वेंटिलेटर, 10 हजार टेस्टिंग कीट, एक लाख रैपिड टेस्टिंग कीट की केंद्र से मांग की गयी है। यह अभी तक प्राप्त नहीं हो सका है। इसे पीएम से अविलंब उपलब्ध कराने का आग्रह किया।