कोरोना के खिलाफ जंग के लिए राज्य में 1.35 लाख लोगों को होम क्वारैंटाइन में रखा गया है, जिनकी निगरानी जिला सर्विलांस समिति के द्वारा सहिया तथा स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के जरिए रखा जा रहा है। 12,384 मरीज को सरकार की ओर से बनाए गए क्वारैंटाइन सेंटर्स में रखा गया है। आडीएसपी की ओर से जारी बुलेटिन में कहा गया है कि चीन तथा अन्य प्रभावित देशों से आए 1531 संदिग्ध सर्विलांस में हैं। हालांकि, इसमें से 270 की सर्विलांस अवधि खत्म हो गई है। झारखंड से 691 लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे, इनमें से 2 पॉजिटिव मिले हैं और 446 रिपोर्ट निगेटिव आई हैं। 172 लोगों की रिपोर्ट आना अभी बाकी है।
21 दिनों के लॉकडाउन के 11वें दिन शनिवार को हम नहीं सुधरेंगे के तर्ज पर बाजारों में लोगों की भीड़ दिखी। राजधानी के चूना भट्ठा चौक पर सुबह-सुबह सब्जी लेने के लिए लोगों की भीड़ जुट गई। हालांकि रांची में कोरोना का मरीज मिलने के बाद धारा 144 लागू है। लेकिन, न तो संक्रमण और न पुलिस प्रशासन, किसी का भी भीड़ पर कोई असर नहीं दिखा। जमशेदपुर, धनबाद, गुमला, लोहरदगा, पलामू, चाईबासा, गिरिडीह आदि जिलों में लॉकडाउन का मिलाजुला असर देखने को मिल रहा है। हर जिलों में सुबह-सुबह बाजारों में भीड़ दिख रही है। करीब 10 बजे के बाद सड़कों पर सन्नाटा छा जाता है। इसके बाद फिर शाम को कुछ लोग बाजारों में, सड़कों पर बिना वजह निकल पड़ते हैं।
रेलवे के 60 कर्मी हटिया यार्ड में दिन-रात बोगियों को अस्पताल का रूप देने में लगे हैं। परिवार भी चिंता में रहते हुए भी उन्हें ड्यूटी पर जाने से रोकने के बजाय प्रोत्साहित करते हैं। 540 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाने में जुटे रेलकर्मियों का कहना है वे कोरोना को हराना चाहते हैं। यहां 15 साल पुरानी बोगियों को अस्पताल का स्वरूप दिया जा रहा है। बोगी में दो टॉयलेट की जगह एक टॉयलेट और दूसरे को नहाने के रूम बनाया जा रहा है। एक कंपार्टमेंट में तीन बर्थ को हटाने का काम किया जा रहा है।