भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण लगातार बढ़ते जा रहे हैं, जिसके देखते हुए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने इससे निपटने की योजना में बदलाव किया है। शनिवार को अपनी रणनीति बताते हुए आईसीएमआर ने कहा कि श्वसव संबंधी गंभीर बीमारी, सांस लेने में दिक्कत और बुखार और खांसी की शिकायत के साथ अस्पताल में भर्ती सभी मरीजों की कोविड-19 संक्रमण के लिए जांच की जाएगी।
इसके आगे कहा गया कि, कोरोने से संक्रमित किसी के संपर्क में आने या फिर कोरोना के लक्षण दिखने पर कोरोना टेस्ट जरूर कराएं। किसी संक्रमित व्यक्ति से संपर्क में आने पर अगले 5-14 दिनों में ही अपना कोरोना टेस्ट कराएं।
बताते चलें कि, कोरोना वायरस का प्रभाव इस हफ्ते तेजी से फैल रहा है जिसे देखते हुए आईसीएमआर ने अपनी रणनीतियों में बदलाव किया है। योजनाओं में बदलाव का मुख्य लक्ष्य कोरोना के बढ़ते फैलाव को रोकना है। पिछले 14 दिनों में विदेश यात्रा से आए लोगों को निगरानी में रखा गया है। इन लोगों में कोरोना के लक्षण पाए गए हैं। साथ ही इन लोगों के संपर्क में आए स्वास्थ्य कर्मचारियों में भी इंफेक्शन देखने को मिला है।
वहीं, आईसीएमआर ने यह भी जानकारी दी है कि अगर कोई मामला सामुदायिक फैलाव से जुड़ा आएगा तब टेस्टिंग के नियमों में और बदलाव किया जाएगा। परीक्षण के लिए एडवाइजरी की समय समय पर समीक्षा की जा रही है। इसकी समीक्षा नेशनल टास्क पोर्स कर रही है जिसके अध्यक्ष वी के पॉल हैं।