उच्चतम न्यायालय ने नौसेना में महिलाओं के लिए स्थायी कमीशन को मंजूरी देते हुए कहा कि पुरुष और महिला अधिकारियों के सात सामान व्यवहार होना चाहिए। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और अजय रस्तोगी की पीठ ने केंद्र से कहा कि वह लिंग के आधार पर महिला अधिकारियों की सेवा में कोई भेदभाव नहीं कर सकती है, और सरकार से तीन महीने के भीतर महिला अधिकारियों की सेवा करने के लिए स्थायी कमीशन देने को कहा है।
न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली एक पीठ के कहा कि देश की सेवा करने वाली महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने से इनकार करने पर न्याय को मुकसान होगा। इसके आगे पीठ ने कहा कि, केंद्र द्वारा वैधिनिक अवरोध हटा कर महिलाओं की भर्ती की अनुमति देने के बाद नौसेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन प्रदान करने में लैंगिक भेदभाव नहीं किया जा सकता।
अदालत ने कहा कि, जब एक बार महिला अधिकारियों की भर्ती के लिए वैधानिक अवरोध हटा दिया गया तो स्थायी कमीशन देने में पुरुष और महिलाओं के साथ समान व्यवहार होना चाहिए।