मध्यप्रदेश में चल रहे हाईवोलटेज पॉलटिकल ड्रामे के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अब कांग्रेस से नाता तोड़ लिया है। सिंधिया ने अब भाजपा का दामन थाम लिया है। बता दे, 18 साल तक सिंधिया कांग्रेस में रहे हैं। जिसके बाद अब मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार मुश्किल में है। बता दे, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सिंधिया को प्राथमिक सदस्यता दिलाई है। लेकिन दिग्विजय सिंह ने बड़ा खुलासा करते हुए दावा किया है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को मध्य प्रदेश में उपमुख्यमंत्री के पद की पेशकश की गई थी, लेकिन वे अपने नामित व्यक्ति को इस पद पर चाहते थे।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सिंधिया के चेला को उपमुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार को विश्वास मत जीतने का भरोसा है और हम चुप नहीं रहे, हम सो नहीं रहे हैं।
इसके आगे उन्होंने कहा कि, सिंधिया राज्यसभा के लिए कांग्रेस के प्रत्याशी हो सकते थे लेकिन अति महात्वाकांक्षी नेता को केवल मोदी-शाह ही मंत्री पद दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि, हमे यह अंदाजा नहीं था कि सिंधिया कांग्रेस छोड़ देंगे। वह एक गलती थी।