इन दिनों यस बैंक आर्थिक संकट से जूझ रहा है, इस वजह से बैंक के शेयर में तेजी से गिरावट आई है। बैंक के शेयरों में 85 फीसदी की गिरावट आई है। आरबीआई ने बैंक से पैसे निकासी की सीमा 50 हजार रुपए निर्धारित कर दी है। साथ ही बैंक की मैनेजमेंट टीम को भंग कर बैंक को संकट से बाहर निकालने की जिम्मेदारी SBI के पूर्व सीएफओ प्रशांत कुमार को दी गई है। इस बीच महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने शनिवार को केंद्र सरकार पर हमला बोला है।
सचिन सावंत ने कहा कि, सही मायनों में देखा जाए तो मोदी सरकार में ‘हिंदू खतरे में हैं।’ इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि, यह बैंक के अधिकांश खाताधारक इसी बहुसंख्यक समुदाय के लोग हैं।
वहीं, मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चैयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि, हमारी लीगल टीम निवेश की योजना पर काम कर रही है। SBI ने स्टॉक एक्सचेंज को सूचित किया है कि SBI में 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने पर विचार कर रहा है। इसके आगे उन्होंने कहा कि, यस बैंक के खाताधारकों पर कोई खतरा नहीं है। उनका पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है। इसलिए यस बैंक खाताधारकों के लिए यह राहत भरी खबर है। उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है।
बताते चलें कि, शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि, हमारी सरकार भरोसा दिलाती है कि जमाकर्ताओं का पैसा सुरक्षित रहेगा। मैं आरबीआई से गुजारिश करती हूं कि वह कानून के मुताबिक इस मामले की गंभीरता और महत्व को समझते हुए ऐसा रास्ता निकाले जिससे लोगों की परेशानियां कम हों।
उन्होंने कहा कि, यस बैंक के कर्मचारियों की नौकरी, वेतन एक साल तक सुरक्षित हैं, जमाएं और देनदारियां अप्रभावित रहेंगी। आरबीआई पता लगाएगा कि यस बैंक में क्या गलत हुआ। इसमें व्यक्तिगत भूमिका का पता लगाना होगा।